🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(85-2), श्री भक्तमाल (050),: मिथिला के भक्त – 12 तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! गोदावरी में स्नान करनें के लिये हम जाते …………….सन्ध्या , तर्पण मेरे श्रीराम नित्य करते थे …………………. फिर नित्यकर्म से निवृत्त होकर पक्षीराज जटायू के पास पहुँच जाते …….और पृथ्वी में अपना मस्तक रखकर प्रणाम करते । राम … Read more