💕💕💕💕
!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 42 !!
ओये ! तुमसे बतियाएँगी …
भाग 1
श्रीकृष्ण प्रकट हो गए !
होनें ही थे कृष्ण प्रकट ……….
इतनी प्यास जहाँ हो…धरती का सीना चीरकर भी…..जल निकलेगा ही ।
इतनी विरहासक्ति से गीत गाया था ……..आँसुओं में अपनें दर्द को पिरोया था …….मान, नम्र , क्रोध, ताप, विनय, क्या नही था इन गीतों में ……..मन कृष्णाकार वृत्ति ले चुका था ।
तो प्रकट हो गए कृष्ण !
कुछ गोपियाँ थीं जो भागीं ……….क्यों की पीछे के कुञ्ज में प्रकट हुए थे श्याम सुन्दर ………वो गोपियाँ भागीं पीछे की ओर ।
पर हँसी ठिठोली अभी भी सूझ रही है श्याम सुन्दर को ………..
चार हाथ लेकर प्रकट हो गए …………..चक्र, शंख , गदा, और कमल …चार हाथों में यही सब था ।
“ये देखनें में तो हमारे श्याम सुन्दर लग रहे हैं …….पर नही हैं ये हमारे श्याम” …….सखियों नें कुछ देर ध्यान से देखा ……फिर निर्णय दे दिया ….”नही हैं ये हमारे श्याम सुन्दर” ।
कैसे कह रही हो ?
अरे ! देखो ना ! इनके तो चार हाथ हैं …………..पर हमारे श्याम सुन्दर के तो दो ही हाथ हैं ना ! फिर वो तो बंशी बजाते हैं ……इस चक्र शंख से उनका क्या प्रयोजन ? वो तो चंचल हैं ………ये तो शान्त हैं …….वो तो हँसते रहते हैं ……….पर ये तो गम्भीर हैं ।
फिर ये हैं कौन ? सब सखियों नें पूछा ।
ये कोई चार भुजा वाले देवता हैं ………..चलो ! इनको प्रणाम करो……और पूछती हैं ।
हे वज्रनाभ ! वो सारी गोपियाँ गयीं चार हाथ वाले कृष्ण के पास ।
हे चार हाथ वाले देवता ! हम बहुत दुःखी हैं………हमारे ऊपर इतनी कृपा कर दो …….कि बताओ ! हमारे प्रियतम कहाँ गए ?
वो तुम्हारी तरह ही लगते हैं…….हाँ बिलकुल तुम्हारी तरह ।
पर…उनके दो हाथ हैं …..और वो बाँसुरी भी लेते हैं ……..
गोपियों की बातें सुनकर कृष्ण थोडा मुस्कुराये, बोले कुछ नही ।
हाँ …हाँ ……वो मुस्कुराते भी तुम्हारी तरह ही हैं ।
सब गोपियाँ हाथ जोड़नें लगीं……..बताओ ना देवता ! हमारे कृष्ण कहाँ गए ? फिर विलाप करना आरम्भ कर दिया था गोपियों नें ।
उस तरफ जाकर गोपियाँ रो क्यों रही हैं ?
श्रीराधा रानी नें अपनी सखी ललिता से पूछा ।
हे राधे ! उधर कोई चार हाथ वाला देवता आया है ……….सब गोपियाँ उसी से प्रार्थना कर रही हैं ……..ललिता सखी नें कहा ।
क्या ! ये तो माधुर्य की भूमि है वृन्दावन ….यहाँ ऐश्वर्य का क्या काम ?
चार भुजा तो विष्णु भगवान के होते हैं ना ? श्रीराधा रानी नें ललिता की ओर देखते हुये कहा …………..
पर इस वृन्दावन में विष्णु या ईश्वर का क्या काम ?
चलो ! तनिक मैं भी तो देखूँ …….कि ये है कौन ?
श्रीराधा जी उठीं ………और अपनी अष्ट सखियों के साथ उसी कुञ्ज की ओर चली ।
पर ये क्या ! जैसे ही श्रीराधा रानी वहाँ गयीं……..और चार भुजा वाले कृष्ण के पास जाकर खड़ी हुयीं …….
वज्रनाभ ! श्रीराधा रानी की माधुर्य शक्ति के आगे कृष्ण की ऐश्वर्य शक्ति कमजोर पड़ जाती है ……….और आज भी वही हुआ ।
श्रीराधा रानी आगे बढ़ती चली जाती हैं…….कृष्ण श्रीराधा रानी को देखते हैं …….देखते ही उनकी ईश्वरता क्षीण होनें लगती है ।
क्रमशः …
शेष चरित्र कल…🙏
♥️ राधे राधे♥️
Author: admin
Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877