वैदिक पथिक-✍
|| सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||
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वैदिक पथिक-✍
भारत में जो कुछ भी किया जाए,उससे भारतीयता विलग नहीं होनी चाहिए। भारतीयता का एक बड़ा आधार है- सनातन धर्म। सनातनी होने का अर्थ है, मनुष्य जीवन में जो कुछ भी श्रेष्ठ है, उसको पहचानना, उजागर करना और समस्त प्राणियों के लिए उसका उपयोग करना। इसे किसी विशेष धर्म से जोड़कर नासमझ लोग इसी का अपमान कर जाते हैं। सच तो ये है, विभीषण ने अपने भाई रावण से कहा था, ‘सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।’ यह सनातन का उद्घोष है।
अच्छा-बुरा सब में है। अपना विवेक जगाओ और उसका उपयोग करो। राम सनातन धर्म के सच्चे प्रतिनिधि,प्रतीक और प्रमाण थे।उन्होंने बताया था कि सनातन धर्म में कैसे जिया जाए। कुल-मिलाकर भारत में सनातन शब्द ही एक पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है। इसलिए सबक लिया जाए कि किसी भी शब्द का गलत अर्थ लेकर उस पर टिप्पणी ना करें, उसके सही अर्थ को समझें और जीवन में उतारें। सनातन के सदुपयोग की आड़ में कहीं इसका दुरुपयोग ना कर लिया जाए। खास तौर पर भारत की युवा पीढ़ी सनातन को जितना अच्छे से समझेगी, उसकी सफलता उतनी ही दृढ़ होगी। और अशांति से मुक्त रहेगी।
|| सनातन धर्म की जय हो ||
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Author: admin
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