पांडे कांग्रेस में हैं. शुक्ला बीजेपी में हैं. तिवारी बसपा में हैं. मिश्रा राजद में हैं. उपाध्याय सपा में हैं.
चतुवेर्दी सीपीएम में हैं. दुबे आप में हैं. शर्मा टीएमसी में हैं.
अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियों से जुड़े होने के बावजूद सभी ब्राह्मण नेता अपनी मूल विचारधारा पर कायम हैं. उनकी मूल विचारधारा क्या है?
1) जाति व्यवस्था जारी रहनी चाहिए
2) ब्राह्मण सदैव शीर्ष पर रहें और ब्राह्मण वर्चस्व कायम रहे।
3) आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए.
4) जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए.
5) उन्नत नस्लों का अधिक प्रतिनिधित्व रहना चाहिए।
ओबीसी एससी एसटी नेताओं में ऐसी कोई एकता नहीं है. न तो वे जानते हैं कि एक टीम में एक साथ कैसे काम करना है और न ही यह जानते हैं कि अलग-अलग टीमों में होने के बावजूद एक साथ कैसे काम करना है।
