NRI केशव बटाक ने धर्मपत्नी रमीलाबेन और सुपुत्र चेरिस बटाक के साथ श्रीदमणिया माछी महाजन, लेस्टर में श्रीराम कथा दरबार में लगाई हाजिरी
- NRI केशव बटाक सपरिवार सेन्ट्रल लंदन से लेस्टर में श्रीराम कथा में पहुँचे और श्रीराम पोथी को नमन् कर प्रभु श्रीराम से दमण-दीव-दानह सहित समग्र भारत एवं लेस्टर-यूके के लोक मंगल की कामना की
- NRI केशव बटाक ने माछी समाज के कुलगुरू गोपालदास महाराज, अंतर्राष्ट्रीय कथाकार महेश भट्ट का किया सत्कार, संतों का सपरिवार लिया आशीर्वाद लंदन । NRI केशव बटाक ने अपनी धर्मपत्नी रमीलाबेन और जेष्ठ सुपुत्र चेरिस बटाक के साथ श्रीदमणिया माछी महाजन द्वारा श्रीदमणिया माछी महाजन हॉल, लेस्टर में आयोजित श्रीराम कथा में छठवें दिन पहुँच कर हाजिरी लगाई। NRI केशव बटाक ने श्रीदमणिया माछी महाजन, लेस्टर-यूके के पदाधिकारियों, सभासदों और माछी समाज के अग्रणियों से मेल-मुलाकात कर सभी का कुशल मंगल जाना। NRI केशव बटाक ने माछी समाज के कुलगुरू महंत गोपालदास शास्त्री जी और अंतर्राष्ट्रीय कथाकार महेश भट्ट जी का सम्मान किया। NRI केशव बटाक ने दोनों ही संतों का सपरिवार आशीर्वाद प्राप्त किया। NRI केशव बटाक ने श्रीराम पोथी को नमन् कर प्रभु श्रीराम से दमण-दीव-दानह सहित समग्र भारत एवं लेस्टर-यूके के लोक मंगल की कामना की। ज्ञातव्य है कि श्रीराम कथा में छठवें दिन लेस्टर ईस्ट की सांसद शिवानी राजा जी और दमण-दीव के सांसद उमेश पटेल जी ने भी हाजिरी लगाई थी। 26 अगस्त से 1 सितंबर तक यह श्रीराम कथा चली, जिसमें शिव विवाह, राम जन्म, सीता-राम विवाह जैसे कथा प्रसंग भी हुए। व्यासपीठ से कथाकार महेश भट्ट जी ने रामभक्तों को श्रीराम कथा का रसपान कराया।
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” हम सनातनी एकजुट होकर नहीं रहे तो हम पर ‘जम्मू-कश्मीर और बांग्लादेश’ हमेशा दुहराया जाता रहेगा ” : NRI केशव बटाक
NRI केशव बटाक ने सेन्ट्रल लंदन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि श्रीदमणिया माछी महाजन यहाँ सात समंदर पार लेस्टर , यूके में सनातन धर्म की धर्मध्वजा लहरा हुए हैं, यह काबिले तारीफ है। श्रीदमणिया माछी महाजन, लेस्टर-यूके ने श्रीराम कथा का बहुत बढ़िया आयोजन किया। मुझे यह जान कर बेहद खुशी है कि पूरे श्रीराम कथा सप्ताह में माछी समाज के लोगों ने बड़ी तादाद में पहुँच कर श्रीराम कथा का लाभ लिया। यही एकता हमें आगे भी बनाए रखनी है। हम सभी को जाति-पाति भुला कर सिर्फ हिन्दू सनातनी बन कर एकजुट होकर रहना है। तभी हम कट्टरपंथियों की चुनौतियों से निपट पाएंगे। वर्ना हम पर ‘कश्मीर और बांग्लादेश’ हमेशा दुहराया जाता रहेगा। ध्यान रहे कि हम सनातनी यदि श्रीराम की भांति मर्यादाओं का पालन करते हैं तो हमें श्रीकृष्ण की तरह आतताइयों का संहार करना भी आता है। संयम हम सनातनियों का संस्कार है तो अत्याचारियों का अंत करना हमारा धर्मकर्तव्य भी है। श्रीदमणिया माछी महाजन की श्रीरामकथा से हमें यह सीख भी मिलती है।
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