सामाजिक कार्यकर्ता केशव बटाक ने कलेक्टर को लिखा पत्र” DMC और माछी महाजन मंडल की मीटिंग में ‘ जेटी पर मछलियाँ सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई ‘ के मसले का निकाला जाये रास्ता ” : केशव बटाक

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07-10-2024
-सामाजिक कार्यकर्ता केशव बटाक ने कलेक्टर को लिखा पत्र
DMC और माछी महाजन मंडल की मीटिंग में ‘ जेटी पर मछलियाँ सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई ‘ के मसले का निकाला जाये रास्ता ” : केशव बटाक
♦️ पुर्तगालियों ने 445 वर्षों की हुकूमत में भी मछुआरों को समुद्र तटों पर मछलियों को सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई करने से नहीं रोका
♦️ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू कराये ‘ स्वच्छ भारत अभियान ‘ में स्वच्छता के नाम पर किसी कम्युनिटी को उसकी संस्कृति से जुड़े कार्यों को करने और उसकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़े स्थल पर पारम्परिक उद्यम करने से रोकने का कोई प्रावधान हो तो मुझे बतायें : सामाजिक कार्यकर्ता केशव बटाक
माछी समाज के अग्रणी एवं सामाजिक कार्यकर्ता केशव बटाक ने नानी दमण जेटी पर स्थानीय मछुआरों को मछलियाँ सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई करने से दमण म्युनिसिपल कौंसिल (डीएमसी) के रोकने पर चिंता व्यक्त की है। सामाजिक कार्यकर्ता केशव बटाक ने दमण के कलेक्टर सौरभ मिश्रा को आज भेजे पत्र में लिखा कि नदियों और समुद्रों से मछुआरों को सदियों पुराना नाता रहा है। पुर्तगालियों ने अपने 445 वर्षों की हुकूमत में मछुआरों को जेटी पर मछलियों को सुखाने और जेटी पर फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई करने से कभी नहीं रोका। दमण की आजादी के 63 वर्षों के बाद दमण म्युनिसिपल कौंसिल अब स्थानीय मछुआरों को नानी दमण जेटी पर मछलियों को सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों को बुनने से रोक रही है! यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। जब प्रकृति मछुआरों को समुद्र से अलग नहीं करती तो डीएमसी कैसे कर सकती है। डीएमसी ने स्वच्छता के बहाने मछुआरों को नानी दमण जेटी पर मछलियों को सुखाने और फिशिंग बोटों के जालों की बुनाई करने से रोका है। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू कराये स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छता के नाम पर किसी कम्युनिटी को उसकी संस्कृति से जुड़े कार्यों को करने और उसकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़े स्थल पर पारम्परिक उद्यम करने से रोकने का कोई प्रावधान हो तो मुझे बतायें। केशव बटाक ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा कि आप जिले के सबसे बड़े प्रशासनिक अधिकारी और दमण म्युनिसिपल कौंसिल के म्युनिसिपल डायरेक्टर हैं, इस नाते आपको मछुआरों की इस समस्या से अवगत करा रहा हूँ। आप ही बताइए मछुआरे अपनी मछलियाँ कहाँ सुखायें ? घर पर तो इतनी जगह है नहीं। सदियों से समुद्र और समुद्री किनारा मछुआरों का दूसरा घर रहा है। प्रकृति भी समुद्र और मछुआरों को एक दूसरे से अलग नहीं करती तो डीएमसी / प्रशासन ऐसा कैसे कर सकता है ? केशव बटाक ने कलेक्टर को दमण म्युनिसिपल कौंसिल को मछुआरों के पुराने प्रतिष्ठित संगठन माछी महाजन के साथ बैठक कर इस समस्या का रास्ता निकालने का निर्देश देने का सुझाव दिया। केशव बटाक ने कहा कि यह जरूरी है कि मछुआरों को नानी दमण के समुद्री किनारों पर एक निर्धारित स्थान पर मछलियों को सुखाने और लम्बे-चौड़े जेटी पर एक निर्धारित जगह पर फिशिंग बोटों की मरम्मत व जालों की बुनाई करने की परमिशन दी जाये। यह मछुआरों का प्रकृति सिद्ध अधिकार है जिससे उन्हें वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हम मछुआरे दमण को साफ- सुथरा रखने में डीएमसी व प्रशासन को अपना पूरा सहयोग देते आ रहे हैं और आगे भी स्वच्छता बनाये रखने में सभी मछुआरे अपना पूरा सपोर्ट देंगे। डीएमसी और प्रशासन को मानवता के नाते मानवीय दृष्टिकोण अपना कर नानी दमण जेटी के एक निश्चित दायरे में मछुआरों को मछली सुखाने और फिशिंग बोटों की जालों को बुनने व फिशिंग बोटों की मरम्मत करने की अनुमति देनी चाहिए।
द्वारा
केशव बटाक
( सामाजिक कार्यकर्ता, दमण )

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