रथ यात्रा, जो कि भगवान जगन्नाथ की यात्रा के रूप में प्रसिद्ध है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस यात्रा के दौरान विशेष रूप से 5वें दिन लक्ष्मी जी का भगवान जगन्नाथ से मिलने का महत्त्व है।
यहाँ लक्ष्मी जी के मिलन का महत्त्व बताया गया है:
- परिवारिक एकता: लक्ष्मी जी और भगवान जगन्नाथ का मिलन परिवार और संबंधों की एकता का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रेम और एकता आवश्यक है।
- धन और समृद्धि: लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी हैं। उनका भगवान जगन्नाथ से मिलना इस बात का संकेत है कि समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा आवश्यक है।
- भक्ति का महत्व: यह दिन भक्तों को यह सिखाता है कि भक्ति में निष्ठा और समर्पण होना चाहिए। भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति से हम सभी समस्याओं का सामना कर सकते हैं।
- संगम का प्रतीक: लक्ष्मी जी और भगवान जगन्नाथ का मिलन एक आध्यात्मिक संगम का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि भक्ति और समर्पण के माध्यम से हम ईश्वर के नजदीक जा सकते हैं।
- त्योहार की पूर्णता: यह मिलन रथ यात्रा के उत्सव को पूर्णता प्रदान करता है। इससे भक्तों में उल्लास और खुशी का संचार होता है, जो कि इस धार्मिक अवसर का मूल उद्देश्य है।
इस तरह से, लक्ष्मी जी का भगवान जगन्नाथ से मिलने का दिन रथ यात्रा का एक महत्वपूर्ण और अर्थपूर्ण हिस्सा है, जो धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।


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