श्रीकृष्णचरितामृतम्
!! का कहूँ गोपिकान की व्यथा !!
भाग 1
का कहूँ तात विदुर जी ! गोपिकान की व्यथा !
हजारों गोपिकाएँ मूर्छित होकर धरती में गिर पड़ी हैं…….उन्हें कुछ होश नही है……उसपर बसन्त की हवा और चल पड़ी……..ओहो ! श्रीकृष्ण ग्यारह वर्ष छ महिनें के हैं जब वो मथुरा गए…..ऋतु थी फागुन ऋतु !
चन्द्रावली को अवश्य कुछ होश आया था………सिहर सी गयी थी ये जब बसन्त की हवा नें इसे छूआ ।
वैसे ही हम मरी हुयी हैं ……..और क्यों मार रहे हो बसन्त !
“आनन्द तो लूटेंगी मथुरा की नारियाँ”…….उठनें का प्रयास करती है …..पर विरह के मारे शरीर साथ नही दे रहा…….वो चन्द्रावली फिर गिर पड़ती है । हाँ , कल का सूर्योदय सुख का सूर्योदय होगा मथुरा वासियों के लिये ……….पर हमारे लिये ? कराहते हुए कहती है ……हमारे लिये तो दुःख का सूर्योदय होगा ।
अब चलो घर ! घर चलो …………कन्हैया तो गए !
एक की सास आगयी थी ……….अपनी बहु को घर ले जानें ।
रुक जा माँ ! रुक जा ! देख ! रथ दिखाई दे रहा है ………क्या पता श्याम सुन्दर अभी भी लौट आएं ………हमारे ऊपर उन्हें दया आजाये ……..और अपनें काका से कहें ……….मुझे नही जाना मथुरा …….वापस ले चलो वृन्दावन ………..रुक जा माँ ! रुक जा !
पर ये क्या ! अब तो रथ भी नही दिखाई दे रहा ………..नही आएंगे तुम्हारे श्याम सुन्दर ………..वो क्यों आनें लगें …….वो तो खुश हैं …..मैने उसके मुखमण्डल में देखा ……..वो अत्यन्त खुश थे ।
सबकी सासू धीरे धीरे बोल रही थीं ।
ध्वजा दिखाई दे रही है माँ ! रथ की ध्वजा………..क्या पता वो अभी भी वापस आजाएँ……..उसे हमारी याद आये……..”मेरी याद” वो गोपी अपनें छाती में हाथ रखकर बोली………मुझ से वो बहुत राजी रहते थे ………मुझे देखते ही हँसते थे …….”तू मुझे अच्छी लगती है”…..वो बारबार कहते थे ………क्या पता वो लौट आएं ।
गोपियाँ अभी भी आस लगाएं रथ की ओर ही देख रही हैं ।
क्यों करता है , हे विधाता ऐसा काम ? चन्द्रावली अब विधाता को गाली देगी …………….
किसी से मिलाता है ….तो किसी से बिछोड कराता है ………..मथुरा की नारियाँ अपनें नयनों को शीतल करेंगी …….और यहाँ हमारी छाती जलेगी………बूढ़ा हो गया है तू विधाता……..सठिया गया है ……….क्या करना चाहिये क्या नही करना चाहिये …..ये बुद्धि नही है ब्रह्मा में …….चन्द्रावली बोलनें लगीं ।
क्रमशः…
Author: admin
Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877