श्रीकृष्णचरितामृतम्
!! “मेरो व्याह कराय दे मैया”- अटपटी लीला !!
भाग 2
मैया बृजरानी नें लाला के कपोल में थपकी देते हुए कहा ……….ऐसे जिद्दी बनेगा ना, तो तेरा ब्याह भी नही होगा ।
मेरा ब्याह ? कन्हैया सोचनें लगे …………..
मैया ! ब्याह क्या होता है ? मासूम से कन्हैया पूछ रहे हैं ।
मैया क्या बोले ………तभी सामनें मोर और मोरनी दिखाई दिए ……जो आँगन में दाना चुगनें के लिये आगये थे ।
देख ……..ये मोर है ….और ये उसकी मोरनी है ……..ऐसे ही तेरा ब्याह होगा ना …..तो तेरी भी बहु आयेगी ………….
बड़े ध्यान से देखते रहे मोर और मोरनी को कन्हैया ……फिर बोले …..ये इसकी बहु है ?
हाँ …..ये इसकी बहु है ……….फिर कुछ सोचनें लगे ………..और फिर एकाएक गोद से उठकर खड़े हो गए धरती पर ।
मेरी बहु कहाँ है ? फिर दूसरा हठ शुरू ।
मैया हँसी ……..मैया को हँसते हुए देखा तो और गुस्सा आया लाला को ………गेंद की तरह मुँह फुला लिया …….टेढ़ी नजर से देख रहे हैं अपनी मैया को …….गुस्से में देख रहे हैं …….दोनों हाथों को कमर में रख लिया है ………ओ ! ओ मैया ! हँस मत, मुझे बता कि मेरी बहु कहाँ है ?
मैया इस छबि पर मुग्ध है…वारी जाऊँ लालन ! क्या छबि है तेरी….
पर कन्हैया गुस्से में हैं ……..”मेरी बहु कहाँ है ये बता ? “
“अभी तेरो ब्याह थोड़े ही भयो है” ……मैया नें कहा ।
तो मेरो ब्याह कराय दे ……..कन्हैया बोले ।
लाला की बातों को सुनकर, मैया हँस हँस के लोट पोट है रही है ।
अच्छा बता ! तुझे कैसी बहु चहिये ?
फिर लाला को खीचकर अपनी गोद में बिठाते हुए मैया नें पूछा ।
मुझे ? सोचनें लगे कन्हैया ……….फिर बोले …….छोटी सी ……छोटी सी बहु , मैया ! ।
कितनी छोटी सी ? मैया हँसते हुए पूछ रही हैं ।
पर कन्हैया गम्भीर होकर उत्तर दे रहे हैं –
इतनी छोटी सी की जब हम गैया चरावें जायो करें तब जेब में धरके ले जावें …….और वहाँ वा ते बतियामें …….।
मैया बोली ……….अरे ! तोय गुड़िया चहिये ?
नाय बहु चहिये ! कन्हाई फिर मचले ।
मैया बृजरानी समझ गयीं कि…..इसे भूख लगी है इसलिये ये चिड़चिड़ा हो गया है…..अपनी गोद में लेकर लाला को दूध पिलानें लगीं थीं ।🙏
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