Explore

Search

November 22, 2024 11:16 am

लेटेस्ट न्यूज़

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 49 !!-“वो साँवरी सुनारन” – एक प्रेम कहानी भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 49 !!-“वो साँवरी सुनारन” – एक प्रेम कहानी भाग 2 : Niru Ashra

😘😘😘😘😘

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 49 !!

“वो साँवरी सुनारन” – एक प्रेम कहानी
भाग 2

ये सुनारन है ……..पास के गांव से आयी है ………….कुछ गहनें लाई है ………देख लो ……….नही तो ये बातूनी बहुत है ………..यहाँ बरसानें में इसके कुछ भी गहनें नही बिके ना ………तो ये बदनामी करेगी बरसानें की ……..गोपी इतना ललिता सखी को कहकर चली गयी ।

क्या लाइ हो ? दिखाओ ? ललिता सखी बोली ।

तुमको लेना है ? सुनारन सच में ही ज्यादा बोलती है ।

नही ………..मुझे तो नही लेना …..पर हाँ हमारी लाडिली को लेना है ।

ललिता सखी नें कहा …..और ये भी कहा …….कि पहले हमें दिखाओ ……हमें अच्छा लगेगा तो………

पर इतना कहते हुए ललिता सखी नजरें गढ़ाकर सुनारन को देखनें लगी थी………तुम्हे कहीं देखा है ? ललिता सखी नें कहा ।

अजी ! नजर न लगाओ अब हम पर……….घूँघट खींच लिया था उस सुनारन नें ।

अब देखो ! अपनी लाडिली को कहो कि …….उन्हें लेना है तो रुकूँ मैं …..नही तो जाऊँ…….सुनारन बोली ।

हूँ ………. ललिता सखी निज महल में गयीं……..बड़ी गहरी नींद में सो रही थीं श्रीजी …….लौट आईँ ……….

नहीं …..जाओ अभी ……….लाडिली सो रही हैं ………।

ठीक है…….सो रही हैं ? तो जगा दो ……सुनारन विचित्र है ।

ऐसे कैसे जगा दें ? ललिता सखी नें जबाब दिया ।

अब हम इतनी दूर से आयी हैं ……….तो क्या तुम्हारी लाडिली उठ भी नही सकतीं ? हद्द है …..ये सुनारन तो लड़नें पर उतारू हो गयी थी ।

कौन ! कौन है ललिते ! श्रीराधा रानी उठ गयीं ।

अरे ! एक काली सुनारन आयी है …………ललिता नें वहीँ से बोला ।

देखो जी ! नही लेना है तो मत लो ……पर ये काली गोरी का भेद न करो यहाँ …………अरे ! मैं सब जानती हूँ ……..उस काले कन्हैया नें तुम्हारे बृज मण्डल को घुमा रखा है ………..क्या मुझे काली काली कहती हो ….ये काले बादल न बरसें ना …..तो तुम अन्न न खा सकतीं ।

अरे ! तू तो नाराज हो गयी ……ललिता सखी नें कुछ मनुहार किया ।

काहे नही हों हम नाराज ……………

पर तू है बहुत सुन्दर ……ललिता मुस्कुराईं ।

इतनी सुन्दरता कहाँ से पाई तेनें बता ना ? ललिता बोलनें लगीं ।

मेरा हृदय अब ठीक नही है इसलिये मैं जा रही हूँ ……..सुनारन तो जानें लगी ………..।

अच्छा ! अच्छा ! रुक जा …………रुक फिर पूछ के आती हूँ ……..

ललिता सखी फिर गयी ………..और इस बार महल के भीतर से वापस आकर सुनारन को भी ले गयी ।

जब जा रही थी निज महल में साँवरी सुनारन ………तब उसकी ख़ुशी देखनें जैसी थी ………….वो गदगद् भाव से भरी थी ………वो बोलती भी जा रही थी ………..स्वर्ग फेल है …वैकुण्ठ भी तुच्छ है इस बरसानें की शोभा के आगे तो …………..आहा ! कितना दिव्य है ये बरसाना और बरसानें में भी ये लाडिली का महल ………….

बातूनी सुनारन बोलती ही गयी श्रीजी के निज महल में ।

क्रमशः …
शेष चरित्र कल…🙏

🍃 राधे राधे🍃

admin
Author: admin

Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
कोरोना अपडेट
पंचांग