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November 21, 2024 1:23 pm

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गंगा दशहरायमुना महारानी का उत्सव Kusuma Giridhar

गंगा दशहरायमुना महारानी का उत्सव Kusuma Giridhar

गंगा दशहरा
यमुना महारानी का उत्सव
आज गंगा दशहरा मंगल बधाई
जय श्री राधे राधे जी।
🙏🌹🙏🌹🙏❤️
गंगा दशहरा के पावन पर्व पर प्रस्तुत एक सुंदर रचना ।

ये गंगा का किनारा है ,ये गंगा का किनारा है।
धरा के पाप तारण हित, प्रकृति की कोख से उतरी ,
सगर के मुक्ति कामी वंशजों के शोक से उतरी, भगीरथ के अखंडित तप जनित आलोक से उतरी ,
अमर सुर देवताओं के परम ध्रुव लोक से उतरी ,
किनारा यह स्वयं शिव ने जगत हित शीश धारा है।
ये गंगा का किनारा है।
शिवालिक से धरा को धन्य कर हरिद्वार तक आई ,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई ,
तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई ,
गले मिल कृष्ण यमुना से यह संगम पार तक आई,
बनारस में इसे शिव ने पुनः जी भर निहारा है।
ये गंगा का किनारा है।
खिलौने साथ बचपन तक ,जवानी बस रवानी तक ,
सभी अनुभव भरे किस्से बुढ़ापे की कहानी तक,
जमाने में सहारे हैं सभी बस जिंदगी भर के ,
मगर यह जिंदगी के आखिरी पल का सहारा है । ये। ये गंगा का किनारा है
इसी के तट हुए जागृत हमारी चेतना के पल,
इसी के तट प्रकटता योग आयुर्वेद वाला फल ,
हमारे वेद में गुंजित इसी जल की सहज कल कल,
शपथ की अंजुरी में भी ,यही संकल्प वाही जल ,
अधर पर धर जिसे नर ने सहज वैकुंठ धारा है।
ये गंगा का किनारा है।
रचना
कुमार विश्वास की है।
जय श्री कृष्ण जी।
🙏🌹🙏🌹🙏🇮🇳

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Author: admin

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