Explore

Search

November 22, 2024 5:41 am

लेटेस्ट न्यूज़

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 53 !!-उन्मादिनी श्रीराधिकाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 53 !!-उन्मादिनी श्रीराधिकाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 53 !!

उन्मादिनी श्रीराधिका
भाग 2

ओह ! कैसी हृदयविदारक सूचना है ………है ना ललिता ! झूठी है ये …………अच्छा तू बता ! चलें अब नन्दगाँव ! इसनें ये सब कह दिया ना …..तो मुझे अब नन्दनन्दन को देखनें की इच्छा हो रही है …..

चल ललिते ! चल बिशाखा ! चल ………

श्रीराधा रानी चल पडीं नन्दगाँव की ओर……..मष्तिष्क काम नही कर रहा ललिता और बिशाखा सखी का………..अपनें आँसू पोंछ रही हैं …….और अपनी लाडिली को लेकर चली जा रही हैं ।

श्याम सुन्दर चले जायेंगें ……….उस दृश्य को हमारी लाडिली देख पाएगी ? ओह !

हे विधाता ! आज का दिन अच्छा नही है …………इस वृन्दावन के लिये अच्छा नही है आज का दिन ……….हाँ मथुरा के लिए तो बहुत अच्छा है ……….पर हम लोग ? फिर दृष्टि जाती है श्रीराधा रानी के ऊपर…….वो चली जा रही हैं……..श्याम सुन्दर को देखना है इन्हें …….पूछना भी तो है ।


भीड़ लगी है नन्द महल में ………………

एक रथ भी खड़ा है ………उस रथ को कोई सजा रहा है ।

इतनें लोग क्यों हैं आज नन्दमहल में ? चौंक कर पूछती हैं श्रीराधा ।

कुछ नही कहती सखियाँ…….बस श्रीराधा रानी को आगे ले जाती हैं ।

सुनो ! सुनो ! अक्रूर से ही श्रीजी पूछनें लगीं ।

हाँ …क्या बात है ? अक्रूर नें सहजता से श्रीराधा को देखकर कहा ।

क्यों आये हो तुम ? बताओ ना ! क्यों आये हो ?

“मैं कृष्ण का काका हूँ” ………अक्रूर नें इतना ही उत्तर दिया ।

पर पहले तो कभी नही आये थे तुम यहाँ ? श्रीराधा पूछ रही हैं ।

“मैं मथुरा से आया हूँ …….और कृष्ण को ले जा रहा हूँ “

ओह ! कितना कठोर शब्द बोल दिया था अक्रूर नें ………..

इतना भी नही सोचा ……कि श्रीराधा रानी पर क्या बीतेगी ?

किसनें नाम रखा तेरा अक्रूर ? कितनी क्रोध में आगयीं थीं ये श्रीजी की सखियाँ …….और क्यों न आएं क्रोध में ……..उनकी स्वामिनी मूर्छित हो गयी थीं ये सुनते ही कि ……..कृष्ण जा रहा है ।

अक्रूर नाम किसनें रखा तेरा ………..अक्रूर ? तेरे जैसा क्रूर इस दुनिया में कोई नही है ………….हमारे प्राणों को ले जा रहा है …और कहता है अक्रूर नाम है तेरा ।

अक्रूर के समझ नही आरहा …….कि ये हो क्या रहा है यहाँ ?

दिव्य तेजपुंज गौरवर्णी एक आभा धरती में पड़ी है ….मूर्छित ।

वो कुछ समझ नही पारहे ……………..

बृजरानी यशोदा मैया से आज्ञा ली कि तुम कृष्ण को मथुरा लिए जा रहे हो ? ललिता पूछ रही है अक्रूर से ।

हाँ …आज्ञा ली – अक्रूर का उत्तर ।

बृजपति नन्द से भी पूछा ? ललिता का ही प्रश्न था ये भी ।

हाँ उनसे भी पूछ लिया …..अक्रूर इतना बोलकर फिर श्रीराधा रानी को देखनें लगे …….।

हमसे पूछा ? बिशाखा सखी चिल्लाई ……….हम गोपियों से पूछा ?

इस वृन्दावन से पूछा ? इस वन के पक्षियों से पूछा ? इस वन के बन्दरों से ………वृक्षों से …..फूलों से ………कहते कहते रोनें लगी बिशाखा ……….।

ऐसे कैसे ले जाओगे अक्रूर ? ये वृन्दावन मर जाएगा इन कृष्ण के बिना ………हम लोग कैसे रहेंगीं ?

ओह ! इन सबका उत्तर दे पाते भला अक्रूर ?

वो तो कुछ समझ ही नही पा रहे हैं कि ये सब क्या हो रहा है ।

तभी –

क्रमशः ….
शेष चरित्र कल …..

admin
Author: admin

Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
कोरोना अपडेट
पंचांग