नागरिक सोशल मीडिया में पोस्ट करते हैं वह उनका
मौलिक अधिकार: सर्वोच्च अदालत का एक ऐतिहासिक निर्णय
नई दिल्ली . सोशियल मीडिया के आधार पर किसी भी नागरिक को पुलिस गिरफ्तार नही कर सकती !
किसी को इस आधार पर गिरफ्तार न करना, सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है तो वह गिरफ्तारी गलत है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि
आई.टी. करने का अधिकार. सुप्रीम कोर्ट में
संविधान की धारा 66 और 66-ए
दायर आवेदनों में
अनुच्छेद 19(1) – अपने नागरिकों के लिए
आईटी अधिनियम की धारा 6.–और
दिए गए मौलिक अधिकार का
चुनौती दी गई थी, यह धारा का
उल्लंघन है. गौरतलब है कि 19(1)
एक याचिकाकर्ता ने इसे बड़ी जीत बताया है
भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए एक भाषण
और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अधिकार देता है. कोर्ट के आदेश के बाद
यूट्यूब श्रेषा सिंघल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट
लोगों की वाणी और अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता के अधिकार को कायम रखता है,
फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, व्हाट्सएप
इससे पहले क्लॉज 66-ए के तहत दिया गया था.
आईटी एक्ट की धारा 66-ए अनुचित: पोस्ट करने पर गिरफ्तार नहीं किया जा सकता !


Author: admin
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