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July 20, 2025 12:05 pm

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श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! “श्रीदामा” – कन्हैया का नया सखा !!-भाग 1: Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! “श्रीदामा” – कन्हैया का नया सखा !!-भाग 1: Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्

!! “श्रीदामा” – कन्हैया का नया सखा !!

भाग 1

श्रीदामा का मिलन हुआ कन्हैया से ……..दोनों के आनन्द का कोई ठिकाना नही था ……..ये नया सखा मिला था ….वैसे श्रीदामा कोई नया नही है …….ये पुराना है ……अनादि सखा है ……..गोलोक में निज परिकर है कन्हैया का ये………श्रीदामा ।

पर –

अवतार काल में पृथ्वी में ये पहली बार मिल रहा था अपनें कन्हैया से ।

कल सन्ध्या को आये थे बृषभान जी नन्दगाँव………अकेले नही आये …….आज अपनें पुत्र को भी ले आये थे …….गौर वर्ण का वह बालक ……..पीली छोटी पाग सिर में बाँधे हुए था…….मुस्कुराता मुखमण्डल …..अद्भुत तेजयुक्त था वो ।

कन्हैया तो खिसकते हुए पहुँच गए बृषभान जी के पास में …..फिर बगल में शान्त बैठे श्रीदामा के पास ।

तुम्हे खेलना है ? जाओ ! थोड़ी देर खेल लो …….बृषभान जी बोले थे अपनें पुत्र श्रीदामा से ।

कन्हैया चंचल बहुत है …….तुरन्त ही श्रीदामा का हाथ पकड़ कर बोला ……..चलो ! तुम्हारे बाबा नें आज्ञा दे दी है ……अब चलो ।

श्रीदामा संकोची है……….पर कन्हैया इसके संकोच को निकाल फेंकेगा ……..देखते जाना ।

कन्हैया श्रीदामा का हाथ पकड़ कर ले गए और अपनी सखा मण्डली में ले आये थे ………..

नाम क्या है तुम्हारा ? कन्हैया नें पूछा था ।

संकोची है श्रीदामा….दो चार बार पूछनें पर ही बताया था अपना नाम – श्रीदामा ।

तुम कहाँ रहते हो ? बरसाना !……पास में ही है ।

बड़े सुन्दर हो तुम तो ? श्रीदामा के कपोल को छूते हुए कन्हैया बोले ।

मुझ से भी ज्यादा सुन्दर तो मेरी बहन है ………बालक.श्रीदामा नें कहा……

” बहन और मुझे साथ में कोई देख ले ……तो कोई ये बता नही सकता कि कौन भाई है और कौन मेरी बहन है ।

कन्हैया नें पीठ में हाथ मारी श्रीदामा के ………..यहाँ लेकर आओ अपनी बहन को ……..मैं तो बता दूँगा कि कौन तुम हो ..और कौन तुम्हारी बहन है । कन्हैया ही बोले थे ।

रुके कन्हैया…..कुछ सोचकर बोले…….तुम्हारी बहन का नाम क्या है ?

“श्रीराधा”………….श्रीदामा नें उत्तर दिया ।

कुछ देर के लिये आँखें बन्द हो गयीं थीं कन्हैया की …………ये नाम ऐसा अद्भुत है कि श्री कृष्ण को भी अंतर्मुखी बना देता है ये नाम ।

हमारे साथ मित्रता करोगे ? हँसते हुए कन्हैया नें अपना हाथ बढ़ाया ।

श्रीदामा नें तुरन्त सिर हाँ में ही हिलाया था………और फिर हाथ मिले और गले भी मिले ।

*क्रमशः….

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