निषेध अधिनियम से छूट
अर्जी पर सुनवाई 12 सितंबर को
पहले सुनवाई अगस्त के लिए तय की गई थी
लीगल रिपोर्टर अहमदाबाद
वह था, लोगों के लिए भारतीय संविधान
क्या खाने के लिए क्या पीना है यह स्वयं तय करें
लेने की इजाजत है. नागरिकों का
मौलिक अधिकारों पर सरकार
बेड़ा नहीं डाल सकते. भारतीय
संविधान में प्रत्येक नागरिक को चाहिए
खाने-पीने की आजादी
मिल गया है उसका कोई भी नागरिक
घर बैठे कोई भी कुछ भी कर सकता है.
सरकारी
बना
राज्यव्यापी निषेध कानून
चुनौतीपूर्ण आवेदन पर सुनवाई
याचिकाकर्ताओं की सुनवाई के दौरान
सितम्बर माह में चलायें
मांग की। इस मामले पर
इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय दैनिक-
अगस्त को होगी सुनवाई
मुकर्रा माह में किया गया।
हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता
अग्रवाल और न्यायमूर्ति एन.वी
अंजारिया ने मामले की सुनवाई की
12 सितम्बर 52 मुक22 किया गया।
गुजरात निषेध अधिनियम
1949 की वैधता को चुनौती
याचिका उच्च न्यायालय में 5 वर्ष
2019 हो चुका है. इस में
इसे जमा कर दिया गया
आयुध डिपो
निषेध की वैधता
प्रावधान में सुधार की जरूरत है
है इस मामले पर अंतिम सुनवाई
दैनिक दिनचर्या से पहले
अगस्त माह में बेंच
सुनवाई तय हुई. हालाँकि
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता
एक महीने बाद सुनवाई होगी
पिताजी चाहते थे.


Author: admin
Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877