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July 20, 2025 4:54 pm

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!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 111 !!-वो ममता की मारी – यशोदा मैया…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 111 !!-वो ममता की मारी – यशोदा मैया…भाग 1 : Niru Ashra

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!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 111 !!

वो ममता की मारी – यशोदा मैया…
भाग 1

कल दिन भर वर्षा होती रही …….मैं अपनें नन्दभवन में ही रहा ।

बाहर जानें का मतलब नही था ……….वर्षा घनघोर थी …… ।

पर बाहर न जानें से मुझे जो दर्शन हुआ वात्सल्य का ……..यशोदा मैया के वात्सल्य का ………..वो अद्भुत था ।

मैं देखता रहा उन ममता की मारी को ……ओह ! आज पागल हो उठीं थीं अपनें कन्हाई को याद करके………उन्हें लग रहा था कि उनका कन्हाई वन में गया है गैया चरानें ।

अरे ! भींग गया होगा मेरा कन्हाई । मैया कुछ कहती नही हैं किसी से ……बस अकेले ही बुदबुदाती रहतीं हैं ……….

हे भगवान ! वर्षा रुक ही नही रही …………मेरे कन्हाई को कहीं कुछ हो न जाए ! क्या जरूरत थी गैया चरानें जानें की ? मैं तो मना करती रहती हूँ …..पर ये दोनों पिता पुत्र मानें तब ना !

भला बताओ ! गैया भी कहीं वर्षा में भींगती हैं ? ……..अरे ! गैया हैं ……कोई भैंस नहीं …….भैंस तो नाक से नीचे तक पानी रहे तो भी तैरते हुए घण्टो बिता जाती हैं पानी में ………पर गाय को ये आदत नही होती …………ये बात समझते ही नहीं ।

अब देखो ! बिजली भी चमक रही है ………………

ये बात यशोदा मैया किसी से कह नही रहीं ………..बस बाहर देखती हैं फिर ऐसे ही कुछ कुछ बोलनें लग जाती हैं ।

परेशान हो उठी थीं …………..”बिल्कुल उसी दिन की तरह बादल गरज रहे हैं ………..ओह ! मैं जाऊँगी वन में , हाँ मेरे कन्हाई को कुछ हो गया तो ! मैं जाऊंगी …………..

ये क्या ! यशोदा मैया बाहर निकलीं………..वर्षा भीषण हैं ……

दो गोपियाँ दौड़ पडीं …….और यशोदा मैया को पकड़ कर ले आईँ ।

जब पकड़ कर ला रही थीं गोपियाँ यशोदा मैया को ………..तब मैं ही सामनें खड़ा था ….मुझे देखा …….. पहले तो चौंकीं …………फिर ध्यान से देखा……..दाऊ ? तू यहाँ ?

मेरा देह काँप गया …………ये सब भूल गयीं ! मैं दो महिनें से यहीं हूँ और ये मैया एकाएक भूल गयीं , मुझे ।

कन्हाई ? मुझे कन्हाई कहनें लगी थीं ……………

पर तू कन्हाई नही है………..गम्भीर होकर सोचनें लगीं ।

दाऊ ……….दाऊ भैया ! हँसी यशोदा जी ।

तू नही गया वन ? गैया चरानें नही गया ? अकेले अपनें छोटे भाई को भेज दिया ………..बलराम ! तेरा भाई छोटा है ……अकेले नही भेजना था ।

अब तू यहाँ खड़ा क्यों है ! जा बाहर जाकर देख ….कहाँ गया तेरा छोटा भाई ।

फिर मेरा हाथ पकड़ लेती हैं ………..

क्रमशः….
शेष चरित्र कल –

🌸 राधे राधे🌸

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