लंदन : 12-12-2024
- NRI केशव बटाक ने भारत के प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
” भारत को कर्जमुक्त और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने जैसे कठोर फैसलों की जरूरत ” : केशव बटाक
♦️ राज्यों को पूर्व विधायकों, पूर्व MLC’s के पेंशनों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को बंद करने का मशवरा
NRI केशव बटाक ने भारत को कर्ज मुक्त बनाने के लिये पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों की पेंशन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों की सुविधाओं जैसे अनावश्यक खर्चों को बंद करने सरीखे कठोर कदम उठाने पर जोर दिया है।NRI ग्रुप लंदन, यूके के कन्वीनर केशव बटाक ने भारत के प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि भारत को विकसित राष्ट्र ‘ बनाने का मोदी सरकार का अच्छा प्रयास है। इस विजन @2047 के लक्ष्य को हासिल करने में उद्योग-व्यापार जगत भी सहभागी है। सिविल सोसाइटी भी बतौर Taxpayer राष्ट्रहित में सहभागिता कर रही है।
राष्ट्र उत्थान के इस भगीरथ कार्य में नीतिगत सुधार व आर्थिक प्रबंधन जरूरी हैं। केन्द्र और राज्य सरकारों को
अनावश्यक खर्चों को बंद कर राजकोष को समृद्ध करने की जरूरत है। पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की पेंशन बंद होनी चाहिए। मंत्रियों को वेतन बंद होना चाहिए। मंत्रियों को सांसद / विधायक की तनख्वाह तो मिलती ही है, फिर डबल सैलरी क्यों ? आर्थिक रूप से सक्षम पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों तथा उनके आश्रितों (पत्नी) को स्वेच्छा से पेंशन छोड़ देनी चाहिये। केन्द्र और राज्य सरकारों को अपने मौजूदा व पूर्व सांसदों-विधायकों व उनके आश्रितों से पेंशन छोड़ने का आह्वान करना चाहिए। प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर तो लाखों भारतीयों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी थी। प्रधानमंत्री जी को ऐसा ही आह्वान मौजूदा व पूर्व सांसदों-पूर्व विधायकों और उनके आश्रितों, सक्षम मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, पूर्व राष्ट्रपतियों, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों से पेंशन और सुविधाएं छोड़ने के लिए भी करना चाहिए।भारतीयों की मेहनत की कमाई पर भारी भरकम इनकम टैक्स और उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्सों की अदायगी से राजकोष में जमा होने वाली रकम को पूर्व माननीयों की सेवा में होम करने की बजाय इस सालाना हजारों करोड़ की रकम को देश का कर्ज उतारने में खर्च करने की जरूरत है। केशव बटाक ने पत्र में पीएम मोदी को लिखा कि प्रधानमंत्री जी, ऐसे ढ़ेरों अनावश्यक खर्चों को बंद कर यह धनराशि राष्ट्रहित के कार्यों में लगाई जा सकती है। मेरा प्रस्ताव है कि केन्द्र सरकार को संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से पूर्व सांसदों, पूर्व न्यायधीशों के पेंशन और गैर जरूरी सुविधाओं को समाप्त कर देना चाहिये। इन जैसे आर्थिक उपायों से भारत को अधिक सबल बनाते हुए हम विकसित भारत 2047 का लक्ष्य हासिल कर सकेंगे।
द्वारा
केशव बटाक
( कन्वीनर, एनआरआई ग्रुप)
लंदन, यूके ।
Author: admin
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