🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(80-2),: !! बुद्धि को स्थिर करो – “गीता ज्ञान” !!,: श्री भक्तमाल (037) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣0️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 निशिचर हीन करहुँ मही..📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! आप चलें हे राम! ……….और देखते चलें ……….हम आपके साथ ऋषि सुतीक्षण जी के आश्रम तक जायेंगें । ऋषि डरे हुए थे ……………………………… पर डरना स्वभाविक था ……………….ओह ! .क्या दृश्य । … Read more