- केशव बटाक ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
” भारतीय मछुआरों पर श्रीलंका का जुल्म बर्दाश्त नहीं, श्रीलंका से कच्चाथीवू द्वीप वापस हासिल करे भारत, श्रीलंका से मछुआरों-बोटों की जल्द हो रिहाई ” : NRI केशव बटाक
♦️ श्रीलंका को भारत मदद करे और श्रीलंका हमारे मछुआरों को पकड़े, गोली मारे और फिशिंग बोट जब्त करे? यह कदापि स्वीकार्य नहीं : कन्वीनर, एनआरआई ग्रुप लंदन-यूके
NRI केशव बटाक ने भारतीय मछुआरों (तमिलनाडु) को श्रीलंका के कच्चाथीवू द्वीप और उसके आस-पास मच्छीमारी करने पर श्रीलंकाई नौसैनिकों द्वारा पकड़ने, फिशिंग बोटों को जब्त करने व फिशिंग नेट्स को नुकसान पहुँचाने और भारतीय मछुआरों को गोली मारने की घटनाओं से दु:खी होकर पीएम मोदी को पत्र लिख इन घटनाओं को रोकने के लिए दखल देने की गुहार लगाई है। एनआरआई ग्रुप लंदन-यूके के कन्वीनर केशव बटाक ने 9 अप्रैल को पीएम मोदी को भेजे पत्र में लिखा कि कच्चाथीवू द्वीप और उसके आस-पास भी जाने पर श्रीलंकाई नौसैनिक भारतीय मछुआरों को पकड़ते हैं, नौकाएं जब्त कर लेते हैं और अक्सर गोलियां भी मार देते हैं। भारतीय गरीब मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसैनिकों का यह अत्याचार आये दिन हो रहा है, जो बर्दाश्त के बाहर है। कच्चाथीवू द्वीप ऐतिहासिक रूप से तमिलनाडु का हिस्सा रहा है, जिसे 1974 में भारत सरकार ने श्रीलंका को सौंप दिया था। तमिलनाडु ने इसे स्वीकार नहीं किया और तब से वो भारत सरकार से कच्चाथीवू द्वीप को वापस लेने की माँग करता आ रहा है। 1974 के द्विपक्षीय समझौते में भारतीय मछुआरों को कच्चाथीवू द्वीप पर मछलियां सुखाने और आराम करने का अधिकार दिया गया था, मगर 1976 से यह भी बंद है। भारतीय मछुआरों को कच्चाथीवू द्वीप के आस-पास भी मछली पकड़ते पाये जाने पर श्रीलंकाई नौसैनिक उन्हें गिरफ्तार कर लेते हैं फिशिंग बोट भी जब्त कर लेते हैं और फिशिंग नेट्स को नुकसान पहुँचाते हैं। बीते साल करीब 250 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने जबरन पकड़ लिया था। 14 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका ने अभी अप्रैल में छोड़ा है। अभी भी करीब 105 भारतीय मछुआरों और सैकड़ों फिशिंग बोटों को श्रीलंका ने नहीं छोड़ा है। भूलवश भारतीय मछुआरे समुद्री सीमा का उल्लंघन कर कच्चाथीवू द्वीप और उसके करीब चले जाते हैं तो उन पर गोलीबारी करना कहाँ तक जायज है? NRI केशव बटाक ने पीएम मोदी को भेजे पत्र में आगे लिखा कि श्रीलंका को भारत बहुत मदद करता आ रहा है। कालांतर में भारत भूमि से ही श्रीलंका बना है। हम श्रीलंका को मदद करें और श्रीलंका हमारे गरीब मछुआरों को पकड़े और मारे? यह कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। मेरी माँग है कि कच्चाथीवू द्वीप को श्रीलंका से वापस लिया जाये। सभी भारतीय मछुआरों और फिशिंग बोटों की श्रीलंका से जल्द वापसी सुनिश्चित की जाये।
द्वारा
केशव बटाक,
कन्वीनर, एनआरआई ग्रुप,
लंदन-यूके




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