दमन पुलिस ने ऑनलाइन ठगी और डिजिटल गिरफ्तारी
का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के 07
सदस्यों को गिरफ्तार किया
दिनांक: 02.07.2025
मामले का संक्षिप्त विवरण:
दिनांक 02.12.2024 को शिकायतकर्ता राकेश भुनेश्वर चौरसिया ने डाभेल पुलिस थाना, दमन में उपस्थित होकर एक
शिकायत दर्ज कराई कि दिनांक 11.11.2024 को प्रातः 08:21 बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल नंबर 9781788127 से
कॉल कर स्वयं को “टेलीकॉम विभाग” से बता कर कहा कि शिकायतकर्ता के नाम पर सिम कार्ड नंबर 9893768051 जारी
किया गया है, जिससे अवैध विज्ञापन (illegal advertising) और धमकी भरे टेक्स्ट मैसेज (harassing texts) भेजे जा रहे
हैं। साथ ही उक्त मोबाइल नंबर के संबंध में एक FIR भी दर्ज होने की बात कही गई। इस पर उक्त व्यक्ति ने शिकायतकर्ता
से कहा कि केस को बंद करवाने हेतु पुलिस थाना से क्लैरिफिकेशन लेटर मंगाना पड़ेगा, जिससे शिकायतकर्ता डर गए।
अगले दिन एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल नंबर 7638873417 से वीडियो कॉल कर खुद को “अंधेरी पुलिस स्टेशन” से
बताते हुए व्हाट्सएप पर विभिन्न नोटिस भेजे, और शिकायतकर्ता को और अधिक भयभीत कर दिया। इसके बाद उस
व्यक्ति ने दो विकल्प बताए:
- या तो शिकायतकर्ता को तीन महीने जेल में रखा जाएगा और तब क्लैरिफिकेशन मिलेगा,
- अथवा 24 घंटे में ऑनलाइन क्लैरिफिकेशन हो सकता है।
डर के कारण शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन क्लैरिफिकेशन के लिए सहमति दी। इसके बाद आरोपियों ने कहा कि RBI से
खाता निरीक्षण (account inspection) करवाना होगा। बातचीत में डराकर उन्होंने शिकायतकर्ता से उसके बैंक खातों की
जानकारी हासिल कर ली।
फिर, अगले दिन बातों में उलझाकर शिकायतकर्ता को HDFC बैंक और Union बैंक भेजा गया, और यह कहकर कि
“आपके खाते में जो भी पैसा है, उसे RBI के खाते में ट्रांसफर कर दो, और अगर सब सही पाया गया तो 24 घंटे में पैसा
वापस कर दिया जाएगा तथा सभी केस बंद हो जाएंगे और सिम कार्ड भी डीएक्टिवेट हो जाएगा, विश्वास में लेकर फर्जी
RBI खाता बताकर दो अलग-अलग खातों में शिकायतकर्ता से
•
HDFC बैंक से ₹20,00,000/-,
Union
बैंक
कुल ₹27,90,000/- की RTGS ट्रांसफर करवा ली गई।
*7,90,000/-
उक्त घटना के संबंध में डाभेल पुलिस थाना, दमन में अपराध क्रमांक 19/2024, भा.न्या. सं. 2023 की धारा 318(4),
(319 (2), 336 (1) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
कार्यवाही:
उक्त प्रकरण में माननीय पुलिस अधीक्षक महोदय के मार्गदर्शन एवं माननीय उप मंडल पुलिस अधिकारी महोदय के
दिशा-निर्देशानुसार, दमन पुलिस ने IT सेल के साथ समन्वय स्थापित कर संबंधित बैंक खातों एवं मोबाइल नंबरों की
जानकारी प्राप्त की तथा अन्य तकनीकी माध्यमों से भी सूचनाएं जुटाकर प्रकरण की गहराई से जांच प्रारंभ की गई।
इस हेतु अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने सुनियोजित कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन धोखाधड़ी करने
वाले गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ हेतु विभिन्न राज्यों में दबिश दी और निम्नलिखित आरोपियों को गिरफ्तार किया:- नितिन सतीश जांगड़ा को हरियाणा के गुरुग्राम से,
- महीपाल गोपीलाल सियाक उर्फ बिश्नोई को राजस्थान के फलोदी से,
- पंकज शरवणकुमार करवासरा को उत्तर प्रदेश के एटा से,
- अभिषेक तपन चक्रवर्ती एवं
- स्वप्न मधुसूदन मोदक को मध्यप्रदेश के इंदौर से,
- अनिस उज्जमन उर्फ अमीन उज्जमन सरकार को पश्चिम बंगाल के बारासात से,
- सिद्धार्थ दीपक विश्वास को पश्चिम बंगाल के कमलपुर से ।
उपरोक्त सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, प्राथमिक जांच में इस गिरोह से जुड़े अन्य व्यक्तियों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिनकी तलाश एवं
गिरफ्तारी के लिए दमन पुलिस टीम प्रतिबद्धता एवं दृढ़ संकल्प के साथ सतत प्रयासरत है।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तो के नाम-पते:-
1) नितीन सतीष जांगरा, उम्र 27 साल, वर्तमान पत्ता- वोर्ड नंबर 419/6, महम, पोस्ट- महम, थाना- महम सीटी,
तहसील – महम, जिल्ला – रोहतक, हरियाणा ।
DDDP
(अभियुक्त के अभियुक्त ने अपने खाते में धोखाधड़ी से प्राप्त राशि जमा होने के पश्चात, उस धनराशि को वैध दिखाने के
लिए ‘लोन की राशि’ होने का बहाना किया और फिर उक्त राशि से ऑनलाइन माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी की खरीददारी
की)
2) महिपाल गोपीलाल सियाक@ बिस्रोई, उम्र 26 साल, पत्ता- सियाको की धानिया, हंसा देश, पोस्ट एवं थाना-
लोहावत, टाटा नगर, जिल्ला – फलोदी, जोधपुर सीटी, राजस्थान ।
(अभियुक्त ने अपने मित्र से उसका बैंक खाता व उससे संबंधित सभी एक्सेस प्राप्त कर उसे आगे अपने अन्य
सहयोगियों को दे दिया, तथा इस माध्यम से हुई लेन-देन में कमीशन के रूप में धन अर्जित किया)
3) पंकज शरवनकुमार करवासरा, उम्र 21 साल, पत्ता ग्राम, बज्जु, पोस्ट बज्जु, थाना- बज्जु, जिल्ला बिकानेर,
राजस्थान ।
( फरार अभियुक्त के निर्देश पर, अभियुक्त ने फर्जीवाड़े से प्राप्त राशि को बैंक खाते से एटीएम के माध्यम से निकाला
और उक्त राशि फरार अभियुक्त को सौंप दी। इस कार्य के बदले अभियुक्त को कमीशन के रूप में धनराशि प्राप्त हुई)
4) अभिषेक तपन चक्रबोर्ती, उम्र 38 साल, पत्ता- वोर्ड नं. 14, चित्राकर पारा, शिव मंदिर के बाजु मे, पोस्ट – कुच
बिहार, थाना- कुचबिहार कोतवाली, जिल्ला- कुच बिहार, वेस्ट बंगाल ।
(अभियुक्त ने पैसों के लालच में आकर अभियुक्त क्रमांक 5 स्वपन मोदोक के कहने पर एक नया बैंक खाता खोला,
जिसका पूर्ण एक्सेस अभियुक्त क्रमांक-5 को प्रदान किया। उक्त खाते में शिकायतकर्ता के साथ की गई धोखाधड़ी की
बड़ी धनराशि जमा करवाई गई, जिसके एवज में अभियुक्त को कमीशन के रूप में धनराशि प्राप्त हुई)
5) स्वपन s/o मधुसुदन मोदक, उम्र 42 वर्ष, पत्ता- 2-4 डी फेयर रेसीडेंसी थाना मध्यमग्राम, 24 नोर्थ
परगना, कोलकाता पश्चिम बंगाल ।
(अभियुक्त ने पैसों के लालच में आकर अभियुक्त क्रमांक-4 अभिषेक चक्रवर्ती से उसके बैंक खाते का पूर्ण एक्सेस
प्राप्त किया, जिसे बाद में अभियुक्त क्रमांक 6 अनिस उज्जमन सरकार और अभियुक्त क्रमांक-7 सिद्धार्थ विश्वास को
मला मान सरकार और
उपयोग हेतु प्रदान किया)
6) अनिस उज्जमन सरकार s/o अमीन उज्जमन सरकार, उम्र 22 साल, पत्ता ग्राम बागढ़ा बस स्टेन्ड के पास,
वोनगाँव, पोस्ट- बोनगाँव, थाना बोनगाँव, जिल्ला नोर्थ 24 परगानस, वेस्ट बंगाल ।
(अभियुक्त ने बेंक एकाउन्ट का पुरा एक्सेस अभियुक्त नं. 5 स्वपन मोदोक से लिया और अभियुक्त नं. 7 सिध्धार्थ
बिस्वास से मिलकर ओनलाईन बेटींग वेबसाईट और ओनलाईन गेमींग एप्स मे ईस्तेमाल किया)
7) सिध्धार्थ बिस्वास s/o दिपक बिस्वास, पत्ता ग्राम कमलपुर, पोस्ट- चाकदाहा, थाना- चाकदाहा, जिल्ला-
नदिया, वेस्ट बंगाल |
(अभियुक्त ने बैंक एकाउन्ट का पुरा एक्सेस अभियुक्त नं. 5 स्वपन मोदोक से लिया और अभियुक्त नं. 6 अनिस
उज्जमन सरकार से मिलकर ओनलाईन बेटींग वेबसाईट और ओनलाईन गेमींग एप्स मे ईस्तेमाल किया)
टिप्पणी:
यदि कोई साइबर धोखेबाज आपको मोबाइल पर पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई, दिल्ली या
: उज्जमन सरकार से मिलकर ओनलाईन बेटींग वेबसाईट और ओनलाईन गेमींग एप्स मे ईस्तेमाल किया)
टिप्पणी:
यदि कोई साइबर धोखेबाज आपको मोबाइल पर पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स, आरबीआई, दिल्ली या
मुंबई पुलिस का झांसा देकर आत्मविश्वास से बातें करके आपको डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर
धमकाए और मानसिक रूप से प्रताड़ित करके केस बंद करने या गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर आपसे बड़ी
रकम वसूलने की बातें करे, तो कृपया सतर्क रहें। इस संदर्भ में तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में अपनी शिकायत
दर्ज कराएं।
डिजिटल गिरफ्तारी करना भारतीय कानून के किसी भी प्रावधान में नहीं है। अपराधी नए-नए तरीकों से
लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
लोगों से अनुरोध है कि चंद रुपयों के लालच में आकर अपना बैंक खाता या उसका एक्सेस किसी
धोखेबाज को फर्जी बिजनेस या गेमिंग के बहाने उपयोग करने देने की अनुमति देना भी कानूनन अपराध है।
पुलिस थाना प्रभारी
पुलिस थाना
डाभेल





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