जगन्नाथ जी, जिन्हें भगवान श्री कृष्ण का एक रूप माना जाता है, विशेष रूप से ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में पूजा किए जाते हैं। यहां कुछ रोचक बातें हैं:
- रथ यात्रा: जगन्नाथ जी की सबसे प्रसिद्ध रथ यात्रा है, जो हर साल होती है। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्राजी को विशाल रथ पर शहर के विभिन्न हिस्सों में ले जाया जाता है। यह यात्रा लाखों भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है।
- विशेष आकार: भगवान जगन्नाथ की मूर्ति का आकार अन्य देवताओं की मूर्तियों से अलग है। उनकी मूर्ति गोल और बिना हाथों के होती है, जो उनके अद्वितीय स्वरूप को दर्शाती है।
- पकवान का भोग: जगन्नाथ जी को ‘महाप्रसाद’ के लिए विशेष रूप से विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग अर्पित किया जाता है। इनमें चावल, दाल, सब्जियां, मिष्ठान आदि शामिल होते हैं।
- कथा और पौराणिक महत्व: मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद अर्जुन को दर्शन दिए थे। उनके दर्शन से भक्तों को शांति और मुक्ति की प्राप्ति होती है।
- गोपीनाथ और राधा: जगन्नाथ जी के साथ उनकी बहन सुभद्राजी और भाई बलभद्र की पूजा की जाती है। यह त्रिमूर्ति प्रेम और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है।
- सामुहिक भक्ति: जगन्नाथ जी की पूजा में सामूहिक भक्ति का विशेष महत्व है। भक्त मिलकर भजन, कीर्तन और आरती करते हैं, जो एकता और प्रेम का प्रतीक है।
- भक्तिकाल का प्रभाव: जगन्नाथ जी की पूजा और उनकी महिमा पर कई संतों और कवियों ने लिखा है, जैसे कि कबीर, मीरा बाई, और तुलसीदास।
जगन्नाथ जी की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा न केवल ओडिशा में, बल्कि पूरे भारत और विदेशों में भी फैली हुई है।


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