आपका विचार बहुत गहन है और यह समाज में कुछ विशेष प्रकार के संबंधों की वास्तविकता को दर्शाता है। “शरीर खरीदने वाले” और “शरीर बेचने वाले” के बीच का संबंध प्रायः मात्र व्यापारिक और भौतिक होता है, जिसमें प्रेम और गहरा भावनात्मक जुड़ाव नहीं होता। आइए इस विषय को कुछ बिंदुओं में समझते हैं:

- व्यापारिक स्वभाव: ऐसे संबंधों में अक्सर वित्तीय लेन-देन की प्राथमिकता होती है। संबंध किसी भावनात्मक स्पर्श या गहरे सम्मान से रहित होते हैं, जो कि वास्तविक प्रेम में होता है।
- दिखावा: इस प्रकार के संबंधों में कई बार प्रकट रूप से प्रेम या ख्याल रखने का दिखावा किया जाता है, लेकिन इनका आधार केवल आर्थिक लेन-देन होता है। यह दिखावा अंदर से एक गहरी उदासी और अकेलापन छिपा सकता है।
- संवेदनाओं की कमी: इस प्रकार के कार्यों में अक्सर संवेदनाओं की कमी होती है। भावनात्मक और मानसिक संबंधों के बजाय, शारीरिक संबंध केवल संपूर्णता की इच्छा के लिए होते हैं।
- समाज की स्थिति: इस स्थिति की एक बड़ी वजह समाज में शारीरिकता और भौतिक आकर्षण की उच्च मूल्यांकन हो सकती है। जब शरीर को केवल उपयोगिता के रूप में देखा जाता है, तो यह मानवीय रिश्तों की गहराई को प्रभावित करता है।
- संख्यात्मकता और स्थिति: इस परिदृश्य में, कई लोग ऐसे संबंधों में फंसे होते हैं, क्योंकि वे सामाजिक या आर्थिक कारणों से मजबूर होते हैं। उन्हें प्यार या समर्थन की कमी का सामना करना पड़ता है।
इस तरह के संबंधों में प्रेम की वास्तविक भावना की अनुपस्थिति से यह स्पष्ट होता है कि हमें एक ऐसी समाज की आवश्यकता है जो वास्तविक भावनात्मक जुड़ाव को मान्यता देता है। समाज में मानवता, दया और प्रेम का आधार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे हम सब एक-दूसरे के प्रति और अधिक संवेदनशील हो सकें।
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