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October 29, 2025 9:30 pm

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हमारी छोटी-छोटी व्यवस्थाओं का भी अपना दिन होता है और वे समाप्त हो जाती हैं : अल्फ्रेड टेनिसन by बाय सुश्री अंजली जगन्नाथ बहन

हमारी छोटी-छोटी व्यवस्थाओं का भी अपना दिन होता है;
उनका भी अपना दिन होता है और वे समाप्त हो जाती हैं।

प्रसिद्ध कवि अल्फ्रेड टेनिसन ने अपनी कविता “इन मेमोरियम” में कहा है:
हमारी छोटी-छोटी व्यवस्थाओं का भी अपना दिन होता है;
उनका भी अपना दिन होता है और वे समाप्त हो जाती हैं।
वे तो बस तेरी टूटी हुई ज्योतियाँ हैं,
और हे प्रभु, तू उनसे भी बढ़कर है। सत्वगुण, रजोगुण और तमोगुण से उत्पन्न होने वाले सभी भाव भगवान से ही उत्पन्न हुए हैं। परंतु, भगवान उनमें नहीं हैं और वे भी भगवान में भी नहीं हैं, क्योंकि भगवान इन गुणों से परे और अप्रभावित हैं।
श्रीकृष्ण अपनी महिमा का सार में कहा है सभी अच्छी-बुरी और कुरूप वस्तुएँ और अस्तित्व की अवस्थाएँ केवल मेरी शक्ति से ही संभव हैं।”
यद्यपि समस्त सृष्टि ईश्वर से उत्पन्न है, फिर भी वह अपनी सृष्टि से परे और उससे स्वतंत्र है। बाय सुश्री अंजली जगन्नाथ बहन

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Author: admin

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