अति विचारणीय लेख
🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔
पश्चिमी दुनिया में फैमिली सिस्टम समाप्त
हिन्दू परिवार परम्परा का भी पतन प्रारम्भ।
इस्लाम का मज़बूत फैमिली सिस्टम उसे जिलाये रखने में सक्षम
डेविड सेलबॉर्न पश्चिमी दुनिया का मशहूर लेखक है।
उसने एक किताब लिखी है “The losing battle with islam”
इस किताब में उसने लिखा है कि पश्चिमी दुनिया इस्लाम से हार रही है।
उसने हार के कई कारण गिनाए हैं,
जिसमें इस्लाम के मज़बूत फैमिली सिस्टम को एक कारण बताया है।
पश्चिमी दुनिया मे फैमिली सिस्टम तबाह हो चुका है।
लोग शादी करना पसंद नहीं करते।
समलैंगिकता, अवैध संबंध, लिव इन रिलेशन जैसी कुरीतियों के आम होने से फैमिली सिस्टम टूटता जा रहा है।
दिन ब दिन ऐसे बच्चों की तादाद बढ़ती जा रही है जिन्हें मालूम नही होता कि उनके पिता कौन हैं।
बूढ़े मां -बाप को घर में रखने को कोई तैयार नही है।
ओल्ड ऐज होम में उनका बुढापा गुज़रता है।
पश्चिमी समाज में कुछ ऐसे समाजिक परिवर्तन आ चुके हैं जिससे पूरा पश्चिमी समाज तबाह होने के कगार पर पहुंच चुका है।
राजनीतिक दल परिवार को बचाने का वादा अपने चुनाव घोषणा पत्र में करने लगे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में तो ‘फैमिली फर्स्ट’ नाम से एक पोलिटिकल पार्टी तक बना ली गयी है।
फैमिली सिस्टम को बचाना वेस्टर्न वर्ल्ड का सबसे बड़ा मुद्दा है,
क्योंकि फैमिली नही बची तो समाज को भी देर सवेर ध्वस्त होते देर नहीं लगनी है।
यही वजह है डेविड सेलबॉर्न और बिल वार्नर जैसे लेखक यह कहने पर मजबूर हो जाते हैं कि इस्लाम के मज़बूत फैमिली सिस्टम की वजह से पश्चिम देर सवेर इस्लाम से हार जाएगा।
भारत में भी हिन्दू परिवार परम्परा का पतन होना प्रारम्भ हो चुका है।
रक्त के 5 रिश्ते समाप्त होने की कगार पर है। ताऊ, चाचा, बुआ, मामा, मौसी जैसे रिश्ते आने वाले समय में देखने सुनने को नहीं मिलने वाले हैं !
इसे इस तरह समझा जा सकता है-
पुत्र पुत्री बचे रिश्ते*
2 2 5
2 1 4 (मौसी X)
1 2 3 (चाचा, ताऊ X)
1 1 2 (चाचा, ताऊ, मौसी X)
1 0 X
0 1 X
परिणाम
0 0
सिंगल चाइल्ड फैमिली को उनका निर्णय तीसरी पीढ़ी याने जिनके आप- दादा- दादी होंगे बुरी तरह प्रभावित करेगा।
जिस दादा को मूल से अधिक ब्याज प्यारा होता है,
उसका मूलधन भी समाप्त हो जाएगा।
इसके लिए वह स्वयं उत्तरदायी है।
*इसलिए दम्पत्ति को सिंगल चाइल्ड के निर्णय पर गंभीरता से विचार करना होगा।
यह घटती आबादी के आंकड़ें बोल रहे हैं।
यह विश्लेषण सरकारी आँकड़ों के अध्ययन से आ रहा है।
आपका पौत्र या प्रपौत्र इस संसार में अकेला खड़ा होगा।
उसे अपने रक्त के रिश्ते की आवश्यकता होगी तो इस पूरे ब्रह्मांड में उसका अपना कोई नहीं होगा।
यह अत्यंत सोचनीय विषय है।
ये न केवल हमारे बच्चों को एकाकी जीवन जीने को मजबूर करेगा बल्कि हमारी हिंदू परिवार सभ्यता को ही नष्ट कर देगा।
हम जो हिन्दू एकता की बात करते हैं ये तो सभ्यता ही समाप्त हो जाएगी।
और इन सबके लिए हमारी वर्तमान पीढ़ी उत्तरदायी होगी।
अगर आप इस विषय को गंभीर समझते हैं तो इस पोस्ट को शेयर करें,
घर परिवार में, पति पत्नी के बीच, रिश्तेदारों में, दोस्तो में एवं विभिन्न बैठकों एवं आयोजनों में इस विषय पर मंत्रणा करे।
अपनी सभ्यता, संस्कार औऱ पीढ़ियों को बचाये।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


Author: admin
Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877