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September 13, 2025 8:05 pm

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🌻🌹🌻बेटी या लक्ष्मी🌻🌹🌻: Varsha Shah

🌻🌹🌻बेटी या लक्ष्मी🌻🌹🌻: Varsha Shah

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बेटी या लक्ष्मी
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हर लड़की के लिए प्रेरक कहानी…
और लड़कों के लिए अनुकरणीय शिक्षा…,

कोई भी लड़की की सुदंरता उसके चेहरे से ज्यादा दिल की होती है।
…पति ने घर मेँ पैर रखा….‘अरी सुनती हो !’

आवाज सुनते ही पत्नी हाथ मेँ पानी का गिलास लेकर बाहर आयी और बोली।

“अपनी बेटी का रिश्ता आया है,

अच्छा भला इज्जतदार सुखी परिवार है,
लड़के का नाम युवराज है।
बैँक मे काम करता है।
बस बेटी हाँ कह दे,तो सगाई कर देते है.”

बेटी उनकी एकमात्र लड़की थी..

घर मेँ हमेशा आनंद का वातावरण रहता था।

कभी कभार सिगरेट व पान मसाले के कारण उनकी पत्नी और बेटी के साथ कहा सुनी हो जाती लेकिन
वो मजाक मेँ निकाल देते।

बेटी खूब समझदार,और संस्कारी थी।

अपनी शिक्षा पूरी करके टयूशन,सिलाई का काम करके पिता की मदद करने की कोशिश करती।

अब तो बेटी ग्रेज्यूऐट हो गई थी और नौकरी भी करती थी।
लेकिन बाप उसकी पगार मेँ से एक रुपया भी नही लेते थे…

और रोज कहते ‘बेटी यह पगार तेरे पास रख तेरे भविष्य मेँ तेरे काम आयेगी।
दोनों घरो की सहमति से बेटी और
युवराज की सगाई कर दी गई,और शादी का मुहूर्त भी निकलवा दिया।

अब शादी के 15 दिन और बाकी थे।

बाप ने बेटी को पास मेँ बिठाया और कहा-

“बेटा तेरे ससुर से मेरी बात हुई…उन्होने कहा दहेज मेँ कुछ नही लेँगे, ना रुपये, ना गहने और ना ही कोई चीज।

तो बेटा तेरे शादी के लिए मेँने कुछ रुपये जमा किए है।

यह दो लाख रुपये मैँ तुझे देता हूँ।.. तेरे भविष्य मेँ काम आयेगे,तू तेरे खाते मे जमा करवा देना।

ठीक है,पापा!” -बेटी छोटा सा जवाब देकर,अपने रुम मेँ चली गई।

समय को जाते,कहाँ देर लगती है ?

शुभ दिन बारात आंगन में आयी,

पंडितजी ने चंवरी मेँ विवाह विधि शुरु की।
फेरे फिरने का समय आया….

कोयल जैसे कुहुकी हो, ऐसे बेटी दो शब्दो मेँ बोली

“रुको पडिण्त जी!
मुझे आप सब की उपस्तिथि में,मेरे पापा के साथ बात करनी है,”

“पापा आप ने मुझे लाड-प्यार से बड़ा किया, पढाया,लिखाया खूब प्रेम दिया, इसका कर्ज तो चुका सकती नही…

लेकिन युवराज और मेरे ससुर जी की सहमति से जो आपने दिया,वो दो लाख रुपये का चेक मैँ वापस देती हूँ।

इन रुपयों से मेरी शादी के लिए लिये हुए उधार वापस दे देना।
और दूसरा चेक तीन लाख रूपए का जो मेने अपनी पगार मेँ से बचत की है…

जब आप रिटायर होगेँ,तब आपके काम आयेगेँ,
मैँ नही चाहती कि आप को बुढ़ापे मेँ आपको किसी के आगे हाथ फैलाना पड़े!

अगर मैँ आपका लड़का होता,तब भी इतना तो करता ना ? !!! “

वहाँ पर सभी की नजर बेटी पर थी…

“पापा अब मैं आपसे जो दहेज मेँ मांगू वो दोगे ?”

बाप- भारी आवाज मेँ -“हां बेटा”, इतना ही बोल सका।

“तो पापा मुझे वचन दो”
आज के बाद आप सिगरेट को कभी हाथ नही लगाओगे….

तबांकू,पान-मसाले का व्यसन आज से छोड दोगे।

सब की मौजूदगी मेँ दहेज मेँ बस इतना ही मांगती हूँ।”

लडकी का बाप मना कैसे करता ?

शादी मे लड़की की विदाई के समय कन्या पक्ष को रोते हुए देखा होगा लेकिन

आज तो बारातियों की आँखों मेँ आँसुओं कि धारा निकल चुकी थी।

मैँ दूर से उस बेटी को लक्ष्मी रुप मे देख रहा था….

रुपये का लिफाफा मैं अपनी जेब से नही निकाल पा रहा था….

साक्षात लक्ष्मी को मैं कैसे लक्ष्मी दूं ??

लेकिन एक सवाल मेरे मन मेँ जरुर उठा,

“भ्रूण हत्या करने वाले लोगों को इस जैसी लक्ष्मी मिलेगी क्या” ???

कृपया रोईए नही,आंसू पोछिए और प्रेरणा लीजिये।

*_कहानी पूरी पढ़ने के लिए आपका हार्दिक आभार।

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Author: admin

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