राणा कुंभा एक अद्वितीय योद्धा 🚩
राणा कुम्भा जिनके बारे में इतिहास की किताबो में आपको बहुत कम जानकारी मिलेगी,ये वामपंथी और सेकुलर इतिहासकार और साथ ही वर्तमान सरकार भी नही चाहती कि हमारी आने वाली पीढ़ी भारत के अद्वितीय योद्धाओं के बारे में कुछ भी जाने। उनको तो मुगल और आज नए इतिहास के नाम पर भी भारत सरकार लुटेरे पेशवाओं का इतिहास को ही बढ़ावा दे रही है। राणा कुंभा वही है जिन्होंने मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी को सारंगपुर युद्ध मे मात्र 6 घण्टे में हराकर कैद कर लिया, उसके बाद महमूद खिलजी को 6 महीने अपनी जेल में रखा और हर्जाना भरने के बाद और स्वयं को मेवाड़ के अधीन सौंपने के बाद ही छोड़ा। इसी विजय के बाद मेवाड़ में विजय स्तम्भ राणा कुंभा ने ही बनवाया था । एक बार फिर महमूद खिलजी और गुजरात के शासक कुतब शाह, नागौर राज्य की सेनाएं और सिरोही की सेनाओ ने मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया, राणा कुंभा और चारो सेनाओं के बीच बदनौर में जमकर युद्ध हुआ और राणा कुंभा ने इन चारों सेनाओ को मात्र कुछ घण्टो में फिर हरा दिया। इतिहासकारोने तो इसे सदी का सबसे बड़ा युध्द भी कहा था लेकिन इस युद्ध को इतिहास की किताबो में कभी जगह नही मिली। आज तो कथित हिंदूवादी सरकार है फिर भी क्यो किताबो से इन महान योद्धा को बाहर रखा जा रहा है। राणा कुंभाने हिन्दू जैन मंदिरों की बहुत बड़ी श्रंखला बनवाई लेकिन तब भी उन्हें न जाने क्यो किताबो में स्थान नही मिला। चीन की दीवार के बाद अगर विश्व की कोई लंबी दीवार है तो वह कुम्भलगढ़ किले की दीवार है जिसे राणा कुंभाने ही निर्माण करवाया था। ये दोगलापन इस सरकार में भी लगातार जारी है। क्षत्रियों से ईर्ष्या करने वाला समूह लगातार अपना कार्य कर रहा है और अपने एजेंडे में काफी हद तक सफल भी हो रहा है।
जय माॅं भवानी ⚔️🙏
जय एकलिंग महाराज ⚔️🙏


Author: admin
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