श्री बालकृष्णं विजयतेराम्
😘❤😘❤😘❤😘🌹
जय श्री राधे राधे जी
🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻❤
बाबा सूरदासजी की पदाबली की रचना है यह,जितना बाबा महाराज ने बाल भाव को प्रस्तुत किया है अन्य किसी ने नहीं,,
“गारी नाहीं दीजौ मो गरीबनी को जायो है
तोल तोल लीजो,जाकौ जित्तो जित्तो खायो है।
😘😘😘😘😘❤
बालक का स्वभाव होता है वो अपने घर से अधिक पडोसियों के यहां खाना पीना पंसद करता है😘🌹😘
यहां चोदेहँ भुवन के नाथ बाल लीलाऐ कर रहे हैं
❤😘❤😘❤
बस वही लीलाऐ प्रस्तुत है यहाँ ,मैयाँ कह रही हैं गोपियों से जितना जिस जिसका मेरे लाला ने खाया है उतना उतना सब तोल तोल कर ले लेना पर मेरे कुवंर कन्हैया को रोकना-टोकना मत चाहैं जितना भी खाऐ,?
*वात्सल्य भाव होता ही है ऐसा, भगवान ने बिल्कुल भी कमी नहीं रखी उस लीला को लीलावंत करने मे पूर्ण की सब पूर्णता।
🙏🏻😘🙏🏻😘🙏🏻❤😭
यशो+मति यानि यशमय बुद्धि🙏🏻
जब मति अन्य को यश प्रदान करने लगे तब बहाँ यशोमति हो जाती हैं।
🙏🏻🌹🙏🏻😭
गोपियाँ उलहाने देने के बहाने नंदालय मे आती हैं ताकि अपने प्राणप्रिष्ठं मधुसूदन के इसी निमित्त दर्शन पाले,और लालनजू को लाड़ लड़ाले,
🙏🏻❤🙏🏻😘
जो बृजमंडल की रानी है मैयाँ यशोदा जी वो गरीबनी कैसे हुई,???,
🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
बडी़ ही सीधी और बडी़ ही ढेढी़ बात है, भक्ति में जब जीव डूबता है तो बिचित्रता का भास होना स्वाभाविक है,कंयूकि उसके पास उसके आराध्य के सिवाय कुछ शेष बचता ही नहीं है जिसे वो अपना कह सके यह भक्ति की पराकाष्ठा चरम सीमा के पार है, मैयाँ हुई ना गरीबनी।
😭😘❤😘😭
जय श्री कृष्ण जी।
🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🇮🇳
By:-“Kusuma-Giridhar“


Author: admin
Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877