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July 21, 2025 9:15 am

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सर्कुलेशन हजारों लाखों प्रतियाँ रोज का बताकर सरकारी विज्ञापनों की लूट : RD Purohit

सर्कुलेशन हजारों लाखों प्रतियाँ रोज का बताकर सरकारी विज्ञापनों की लूट : RD Purohit

Daman: सीबीआई ने दिल्ली के कुछ ऐसे अखबारों के यहां छापे मारे हैं, जो नाममात्र की प्रतियां छापते हैं, लेकिन सर्कुलेशन हजारों लाखों प्रतियाँ रोज का बताकर सरकारी विज्ञापनों की लूट मचा रखी है। यहीं नहीं उक्त अखबार मालिकों ने सालाना भरी जाने वाली ऑडिट रिपोर्ट भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर दे रखी है। प्रिंटिंग प्रेस के अनुबंध दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं। सीबीआई ने अखबार मालिकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, साथ ही डीएवीपी के ऑफिसर जो इस धोखाधड़ी में लिप्त है उन पर भी मामला दर्ज किया है। ऐसा ही कुछ राजस्थान में भी हो रहा है। यहां भी सरकारी विज्ञापनों की लूट खसोट के लिए हजारों लाखों की रोज प्रसार संख्या बताकर सरकारी कोष को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। डीआईपीआर के अधिकारी, जिला पीआरओ भी जानते हुए भी इस धोखाधड़ी में लिप्त है। शिकायत के बाद भी सरकारी खजाने को लूट रहे समाचार पत्रों की जांच भी नहीं कर रहे हैं। जो जांच में दोषी आ चुके है उन पर कार्यवाही नहीं हो रही है। ऐसे फर्जी समाचार पत्र वाले अधिस्वीकृत पत्रकार कार्ड का फायदा लेकर पत्रकार आवास भूखण्डों में भी लूट मचा रखी है।

कोटा के महेंद्र गुप्ता का दैनिक समाचार पत्र संचार क्रांति, हरिवल्लभ मेघवाल का आपका साषी डीआईपीआर की जांच में साफ तौर पर फर्जी प्रसार संख्या की धोखाधड़ी में पकड़ में आ चुके हैं। इनकी प्रेस मशीनें बन्द मिली। हरिवल्लभ मेघवाल ने तो जांच करवाने से इनकार कर दिया। विभाग ने इनकी विज्ञापन मान्यता तो रदद् कर दी लेकिन अभी तक इनके खिलाफ फर्जी दस्तावेज के आधार पर सरकारी कोष को चपत लगाने के मामले में एसीबी या सीबीआई में मामला दर्ज नहीं करवाया। इनकी ऑडिट रिपोर्ट की आयकर विभाग से जांच करवाई जाए जो कि फर्जी बनाई है तो इन्हीं पर लाखों करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी जा सकती है। ऐसे फर्जी प्रसार के विज्ञापन मान्यता प्राप्त बहुत से समाचार पत्र है जो केंद्र, राज्य सरकार के खजाने को लूट रहे हैं। जयपुर से प्रकाशित दैनिक राष्ट्र सम्मत (कीर्ति नागर पत्नी अजय नागर) ने तो 6 संस्करण चला रखे हैं।वो भी हिन्दी अंग्रेजी में।दिल्ली से जयपुर, दौसा, बाड़मेर, अलवर में लूट मचा रखी है। शिकायत के बाद भी अधिकारी मिलीभगत या कहे रिश्वत लेकर जांच तक नहीं करते। अखबारों की इस लूट में डीएवीपी, डीआईपीआर, पीआईबी, दूरदर्शन, आकाशवाणी केंद्र के अधिकारी भी बराबर रूप से शामिल है। जो तमाम नियमों को दरकिनार करके इस लूट को अंजाम दिए हुए हैं।

राजस्थान में 90 फीसदी विज्ञापन मान्यता प्राप्त समाचार पत्र तमाम नियम कायदों को दरकिनार करते हुए सरकारी विज्ञापनों की लूट में लगे हुए हैं। न पत्रकारों का रोजगार दे रहे हैं, न ही उचित वेतन। सारी सुविधाएं भी अखबार मालिक अपने परिजनों को दिलवा रहे हैं। आप सभी जागरूक पत्रकारों से आग्रह है कि ऐसे लूट खसोट में लगे और पत्रकारों का शोषण कर रहे समाचार पत्रों के मालिकों व इस लूट में लिप्त अधिकारियों की शिकायतें सीबीआई व एसीबी में दे ताकि ऐसे फर्जी लोगों पर रोक लग सके। पत्रकार कुश मिश्रा जी ने वरिष्ठ वकीलों व जागरूक नागरिकों का एक संगठन बनाकर हाड़ोती से इस अभियान की शुरुआत की है।

राष्ट्रध्वज समाचार पत्र की जांच करवाई है। अब हाई कोर्ट में यह मामला लगेगा ताकि फर्जी प्रसार संख्या दिखाकर व दस्तावेज बनाकर सरकारी विज्ञापनों की लूट को रोका जा सके। वहीं जीएसटी चोरी,टैक्स चोरी, बिजली चोरी, कागज खरीद चोरी,पत्रकारों के नाम से फर्जी वेतन भत्तों की चोरी पर लगाम लग सके। जयपुर में जल्द ही एसीबी व सीबीआई को हमारे संग़ठन की तरफ से ऐसे समाचार पत्रों और  दागी अधिकारियों की कारगुजारियों से अवगत कराते हुए परिवाद दिया जाएगा।

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Author: admin

Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877

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