Explore

Search

July 20, 2025 8:57 pm

लेटेस्ट न्यूज़
Advertisements

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! मिटे न नित्यविहार – “इति उद्धव प्रसंग” !!-भाग 1- Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! मिटे न नित्यविहार – “इति उद्धव प्रसंग” !!-भाग 1- Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्

!! मिटे न नित्यविहार – “इति उद्धव प्रसंग” !!

भाग 1

उद्धव ! मेरे भाई ! कहाँ चलूँ ? तुम बताओ !

अपनें आसन में बिठाया उद्धव को ……..स्वयं उनके खुटनों में अपना चुबुक रखकर प्रेम निधि श्रीश्याम सुन्दर पूछ रहे हैं ।

नाथ ! अब कोई बहाना नही चलेगा ……….आप चलिये वृन्दावन !

उद्धव अभी भी सुबुकते हुये बोल रहे हैं ।

हाँ , अगर मथुरा के लोग आपके साथ वृन्दावन चलना चाहें तो ले चलिये ……..वहाँ बृजराज सबकी व्यवस्था करेंगे ……जीवन भर खिलाते थकेंगे नही ……….आप के जो प्रिय हों मथुरा में उन्हें भी ले चलिये ….पर चलिये ………उनकी वो सूनी आँखें …..जो आपकी प्रतीक्षा में हैं …….ओह !

उद्धव उन्माद में आगये थे ।

तुम मेरी श्रीराधा को गुरु बनाकर भी प्रेम तत्व का दर्शन न कर सके !

श्रीकृष्ण अब झरोखे के पास आगये थे जहाँ से यमुना दिखती थी ।

उद्धव चौंक गए ……..ये क्या कह गए थे श्रीकृष्ण ।

उद्धव शीघ्रता से उठे और श्रीकृष्ण के निकट आये ।

मैं कुछ समझा नही ……….उद्धव नें कहा ।

श्रीराधा रानी को तुमनें ध्यान से ही नही देखा…..न मेरी अन्य प्रेममयी गोपियों को ……न मेरी मैया को न बाबा को……न ग्वाल बालों को ….

उद्धव !

मुड़े श्रीकृष्ण ……और उद्धव के कन्धे में हाथ रखते हुए कमलनयन बोले ……..मेरे भाई ! अब देखो ! वहाँ नही देख पाये तुम ………क्या मुझ में कुछ दिखाई दे रहा है………इतना कहकर जैसे ही श्रीकृष्ण मुस्कुराये……..उनके दिव्य चिन्मय अप्राकृत देह में…………


लाला ! मारूँगी ! वो मटकी मत फोड़ ………..

तू ऊधमी ! तोय छोडूंगी नही ……..मैया भाग रही है अपनें कन्हैया के पीछे …………मनसुख – लाला ! भाग मैया रोष में है मारेगी तोय !

मनसुख ! पहले तो तू ही पिटेगो ! और मैया नें पहले मनसुख कुँ ही पकड्यो ………..कन्हैया ताली बजाकर हंस रहे हैं ।

दिव्य निकुञ्ज है …………सिंहासन दिव्य-मनोहर है ……….सखियाँ चारों ओर हैं………..और वहाँ पर आज श्रीराधारानी मान कर गयी हैं ……बात केवल इतनी है कि श्याम सुन्दर नें श्रीराधा जु के मुख की उपमा चन्द्रमा से दे दी ……….मान कर गयीं श्रीराधारानी ………आह ! श्याम सुन्दर हा हा खा रहे हैं ……………ललितादि सखियाँ सब आनन्द विनोद में रत हैं …..युग्मतत्व के दर्शन और इनका विहार तो यहाँ नित्य है ….ललिता सखी मुस्कुराते हुये बोल रही हैं ।

उद्धव स्तब्ध-चकित हैं ……….चकित क्यों उद्धव ! ललिता ही बोल रही हैं…….ये नित्य विहार है ……..यहाँ कोई अलग नही है ……….बाकी सब अवतार की लीलाएँ हैं……….पर – मिटे न नित्य विहार !

क्रमशः …
शेष चरित्र कल –

admin
Author: admin

Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877

Leave a Comment

Advertisement
Advertisements
लाइव क्रिकेट स्कोर
कोरोना अपडेट
पंचांग
Advertisements