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July 20, 2025 4:44 pm

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श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! जरासन्ध की पराजय – “उत्तरश्रीकृष्णचरितामृतम् 3” !!-भाग 1: Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! जरासन्ध की पराजय – “उत्तरश्रीकृष्णचरितामृतम् 3” !!-भाग 1: Niru Ashra

श्रीकृष्णचरितामृतम्

!! जरासन्ध की पराजय – “उत्तरश्रीकृष्णचरितामृतम् 3” !!

भाग 1

जरासन्ध अपमानित हुआ था ……होगा ही ……राजेन्द्र जो था वो ।

उसे पराजय का सामना करना पड़ा था ………..ओह ! मुझे बन्दी नही बनाया कृष्ण नें ……….अगर बन्दी बनाया होता तो ! कारागार , मथुरा का कारागार ! वो काँप गया था ।

बिखरे केश ……..हांफता स्वेद से नहाया हुआ ….हताश निराश जरासन्ध पैदल ही मथुरा से निकल रहा था ।

मगध नरेश ! शिशुपाल आगया था ………अन्य समस्त राजा मार्ग में बैठे जरासन्ध की प्रतीक्षा ही कर रहे थे ।

आप रथ में बैठें ……….शिशुपाल नें जरासन्ध को कहा …….

हाथ जोड़े जरासन्ध नें ……और कहा ……क्षमा करें मुझे आप लोग ….मेरे कारण आपको ये दिन देखना पड़ा ।

ऐसे न बोलें मगध नरेश ! आपके प्रति सबके मन में निष्ठा है…….हम कृष्ण से इसका बदला लेंगे ! शिशुपाल बोला ।

वो छलिया, वो ग्वाला क्या समझता है अपनें आपको ….छल से हमें पराजित किया तो बड़ी बात है ……वो वीर नही है ….हाँ छल करना उसे आता है ……..पर अब हम भी उसे नही छोड़ेंगे ……….सब राजाओं नें शिशुपाल की बातों का समर्थन किया ……..मगध नरेश ! आप जब कहेंगे हम आपके लिये युद्ध के लिए तैयार हैं ……..सबनें कहा था ।

जरासन्ध अब लौट रहा था अपनें राज्य मगध में ।


पिता जी ! हमें क्षमा करें ………हमारे कारण ही आपको ये पराजय का मुँह देखना पड़ा ……….जरासन्ध की पुत्रियों नें अपनें पिता से ये सब कहा ……..पर नही , पुत्रियों ! कृष्ण को तो मैं पराजित करके बन्दी बनाकर ही रहूँगा ………।

जरासन्ध पहली बार में ही कैसे पराजय स्वीकार कर लेता ……..

इसनें तुरन्त ही फिर अपनें राजाओं को सूचना भिजवाई ………..मथुरा आक्रमण की तैयारी हो …..इस बार हम कृष्ण को छोड़ेंगे नहीं ……..

क्रमशः ….
शेष चरित्र कल-

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Author: admin

Chief Editor: Manilal B.Par Hindustan Lokshakti ka parcha RNI No.DD/Mul/2001/5253 O : G 6, Maruti Apartment Tin Batti Nani Daman 396210 Mobile 6351250966/9725143877

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