कहानी रूप सिंह बाबा की है।
रूप सिंह बाबा ने अपने गुरु अंगद देव जी की बहुत सेवा की
20 साल सेवा करते हुए बीत गए।गुरु रूप सिंह जी पर प्रसन्न हुए और कहा मांगो जो माँगना है रूप सिंह जी बोले गुरुदेव मुझे तो मांगने ही नहीं आता। गुरु के बहुत कहने पर रूप सिंह जी बोले मुझे एक दिन का वक़्त दो घरवाले से पूछ्के कल बताता हूँ घर जाकर माँ से पुछा तो माँ बोली जमीन माँग ले।मन नहीं माना।बीवी से पुछा तो बोली इतनी गरीबी है पैसे मांग लो।फिर भी मन नहीं माना,छोटी बिटिया थी उनको उसने बोला पिताजी गुरु ने जब कहा है कि मांगो तो कोई छोटी मोटी चीज़ न मांग लेना। इतनी छोटी बेटी की बात सुन्न के रूप सिंह जी बोले कल तू ही साथ चल गुरु से तू ही मांग लेना ।
अगले दिन दोनो गुरु के पास गए। रूप सिंह जी बोले गुरुदेव मेरी बेटी आपसे मांगेगी मेरी जगह।
वो नन्ही बेटी बहुत समझदार थी। रूप सिंह जी इतने गरीब थे के घर के सारे लोग दिन में एक वक़्त का खाना ही खाते।इतनी तकलीफ होने के बावजूद भी उस नन्ही बेटी ने गुरु से कहा गुरुदेव मुझे कुछ नहीं चाहिए।आप के हम लोगो पे बहुत एहसान है। आपकी बड़ी रहमत है। बस मुझे एक ही बात चाहिए कि आज हम दिन में एक बार ही खाना खाते है ।कभी आगे एसा वक़्त आये के हमे चार पांच दिन में भी अगर एक बार खाए तब भी हमारे मुख से शुक्राना ही निकले।कभी शिकायत ना करे।शुकर करने की दात दो।
इस बात से गुरु इतने प्रसन्न हुए के बोले जा बेटा अब तेरे घर के भंडार सदा भरे रहेंगे।तू क्या तेरे घर पे जो आएगा वोह भी खाली हाथ नहीं जाएगा।
तो यह है शुकर करने का फल।सदा शुकर करते रहे
सुख में सिमरन ।
दुःख में अरदास।
हर वेले शुकराना ।
क्या खूब लिखा है किसी ने
फिक्र करने वालों की कोई कमी नहीं
सत्गुरू का जिक्र करें तो कोई बात बने
मुफ्त में तो हवा भी नहीं मिलती
सेवा के लिए कमर कसें तो कोई बात बने
उम्र भर ढ़ोते रहे अंधेरा,
अब एक चिराग रोशन करें तो कोई बात बने
क्या फायदा बेशुक्रों की तरह ज़िंदगी जीने का
सत्गुरू का शुक्र करें तो कोई बात बने
क्या होगा हासिल बेकदरा बन कर
भक्ति की कदर करें तो कोई बात बने
लोगों पर हुकुमत करने का क्या फायदा
सबके दिलों पे असर करें तो कोई बात बने
सत्गुरू ने बनाया है हमें काँच से कोहिनूर
सत्गुरू के चरणों में ज़िंदगी बसर करें तो कोई बात बने
जिस तरह हवा हमें दिखाई नहीं देती लेकिन जब वह जोर से चलती है तो बड़े से बड़े पेड़ को जड़ से उखाड़ देती है ठीक उसी तरह सतगुरु की रहमत भी हमे दिखाई नहीं देती लेकिन यदि हमें उनपर पूर्ण विश्वास है तो हमारा बड़े से बड़ा काम वो पलभर में कर देते हैं इसलिए स्वासं -स्वासं में उन्हें याद रखो वो हमें दिखाई नहीं देते पर वो हरपल हमारे साथ है
मेरे मालिक अपरंपार तेरी माया है तीन लोक नौ खण्ड में कण कण में समाया है


Author: admin
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