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November 21, 2024 5:21 pm

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!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 71 !!-सन्देसो देवकी सौं कहियो…भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 71 !!-सन्देसो देवकी सौं कहियो…भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 71 !!

सन्देसो देवकी सौं कहियो…
भाग 3

ये कौन है ? मेरे कन्हाई जैसा ?

उद्धव को देखकर फिर पूछनें लगी थीं ।

उद्धव की बुद्धि फिर चकराई ………..मैं इनको क्या समझाऊँ ?

ये श्याम का सखा है …….इसका नाम उद्धव है ……..बृजपति नें फिर परिचय दिया …….।

मथुरा से आया है ये ? यशोदा उद्धव की ओर खिसकीं ……….

हाँ …..मथुरा से आया है ……………उद्धव नाम है इसका ।

उद्धव !

पास में ही आगयी थीं   यशोदा मैया ........अपनें हाथों से  चेहरा  छूआ था उद्धव का ......... 

मेरा एक काम करेगा ! बोल उद्धव ! करेगा ?

उद्धव नें “हाँ” में उत्तर दिया ।

मेरा एक सन्देस देवकी को देगा ?

   यशोदा कितनी उन्मादिनी हो उठी थीं  ।

सुन उद्धव देवकी से कहना – यशोदा तो धाय माँ है तेरे कृष्ण कि ……सगी माँ तो तू ही है …………जन्म तो तेनें ही दिया है ……….यशोदा नें पाला है सिर्फ ………जैसे कोई “धाय” को रख लेता है …..ऐसे ही देवकी ! तेनें भी यशोदा नाम कि धाय को रख लिया था …………..पर अब तो तेरा कृष्ण तेरे पास चला आया है ना ?

अच्छा हुआ ? तुम खुश तो हो ना देवकी ! मैं भी कितनी पागल हूँ….मेरा कन्हाई है ही ऐसा ….जहाँ जाता है….वहीं ख़ुशी फैलाता है ।

देवकी ! कन्हाई कि कुछ आदतें हैं …..मेरी प्रार्थना है तुम समझोगी !

देवकी ! कन्हाई को भूख लगती है तो वह कहता भी नही है ……कि मुझे भूख लगी है……मेरा लाला संकोची है…..उसे जबरदस्ती खिलाना पड़ता है …….पेट दवा दवा कर खिलाती थी मैं ……तब जाकर वो खाता था…..देवकी ! इस बात का ख्याल रखना ।

अकेले मत सुलाना उसे………..उसे अकेले सोनें कि आदत नही है …….मेरे साथ ही सोता रहा है 11 वर्ष तक भी ।

तुम सोना उसके साथ ……..वो बाहर देखनें में लगता है की शक्तिशाली है ……पर अंदर से कमजोर है वो…….रात में उठकर डर जाता था ……..तब मैं उसे अपनी छाती से चिपकाकर सुलाती थी …….देवकी ! तू भी ऐसे ही करना ।

उसे माखन बहुत प्रिय है……स्वयं ही निकालना माखन …….और अपनें हाथों उसे खिलाना ………वो मना करेगा …….पर मानना मत ।

देवकी ! थोड़ा पेट दवाकर देख लेना ……………अगर पेट गीला हो तो उसकी मत मानना…….उसका ख्याल रखना ………..उसे कभी भी इस बूढी मैया यशोदा कि याद न आये इतना प्यार देना ………….

ये सब कहते हुये वाणी अवरुद्ध होगयी थी यशोदा मैया कि ……वो आगे कुछ भी बोल नही पाईँ …………..

शेष चरित्र कल …..

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