श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! प्रेम गली में, “मैं” कहाँ ? – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 2 : Niru Ashra
श्रीकृष्णचरितामृतम् !! प्रेम गली में, “मैं” कहाँ ? – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 2 पहले मेरी वेणी गुँथों श्याम ! ……गोपियों में अब ईर्ष्या की भावना बढ़नें लगी । तुमनें उस सखी की बात क्यों मानीं ! ईर्ष्या नें अब स्पर्धा का रूप ले लिया था । “जाओ मैं तुमसे बात नही करती”………मान करके बैठ गयी … Read more