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January 23, 2025 6:10 pm

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (006) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (006) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (006) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) रास की भूमिका एवं रास का संकल्प -भगवानपि०-2 लीलामाधुरी क्या है? ‘प्रातर्व्रजात् व्रजत आव्रजतश्च सायं’- जिस समय प्रातः व्रज से निकलते हैं और सायं वनसे लौटते हैं, क्या छटा है, क्या लीला करते हैं। झूम-झूमकर चलते हैं- झूमि झूमि पग धरत धरणिपर गति मातंग लजावहि, … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 11 – “अब दिव्य गोपुर का वर्णन” )- : Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 11 – “अब दिव्य गोपुर का वर्णन” )- :  Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 11 – “अब दिव्य गोपुर का वर्णन” ) गतांक से आगे – यत्र शिखिरमणिशकलकलितललितोन्नतशिखर शेखर सहस्रसुन्दरं रुचिरारुणरुचितुन्दिलकुरुविंदमणिमयमेकमेव रागानुगमनं नाम रागामरमहीरुहांकुरुमिव गोपुरम् ।। अर्थ – उस परकोटा में जो गोपुर का द्वार है …वह बहुत विशाल है । उस द्वार का नाम रखा गया है … Read more

!!” श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !!-प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएं भाग 2 : Niru Ashra

!!” श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !!-प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएं भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !! प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएंभाग 2 मैं उन्हें देखता रहता हूँ ……”ये आशा त्याग दो” – कहता हूँ । वो बेचारी गोपियाँ मुझे देखतीं ………फिर पूछती – क्यों ? मैं उत्तर देता……….”आशा दुःख का कारण है”……. आशा रहेगी तो दुःख भी रहेगा …….इसलिये आप लोग आशा को ही त्यागिये कि ……श्रीकृष्ण आयेंगें……. … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) : Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) : Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) गतांक से आगे – यत्र निगमितहासपुराणसंहितादिसुवर्णखचितोत्त्तमागमबहुवर्णकर्कशतर्करत्नसकलसंदोहयत्नरचितो ललितोन्नतो विविधतत्सिद्धांतानलयंत्रावलिवलिलोदुर्जनाजितो विद्वत्जनसभाजितो विराजते सर्वतो नगरं सुपर्वपर्वतोपमाकार : प्राकार : ।। अर्थ – प्रेम नगर में परकोटा बनाया गया …जो सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य था …वेद , इतिहास , पुराण , … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” )- Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” )- Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 10 – “नगर का परकोटा” ) गतांक से आगे – यत्र निगमितहासपुराणसंहितादिसुवर्णखचितोत्त्तमागमबहुवर्णकर्कशतर्करत्नसकलसंदोहयत्नरचितो ललितोन्नतो विविधतत्सिद्धांतानलयंत्रावलिवलिलोदुर्जनाजितो विद्वत्जनसभाजितो विराजते सर्वतो नगरं सुपर्वपर्वतोपमाकार : प्राकार : ।। अर्थ – प्रेम नगर में परकोटा बनाया गया …जो सुरक्षा की दृष्टि से मुख्य था …वेद , इतिहास , पुराण , … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !!-प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएं भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !!-प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएं भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 93 !! प्रेमीयों की विचित्र अभिलाषाएंभाग 1 स्वर्ग इन्हें चाहिये नहीं ……साम्राज्य, अपार सम्पत्ती ..यश वैभव ….ये सब भी इन्हें नही चाहिये…..अजी ! इन्हें तो मुक्ति तक नही चाहिये । प्रेमी भी कैसे पागल होते हैं ना ! उद्धव बृज की लताओं को छूते हैं …….कभी मोर को देखते हैं ……..कभी पक्षियों का … Read more

ધાર્મિક કથા : ભાગ 249 & 250 : Manoj Acharya

ધાર્મિક કથા : ભાગ 249 & 250 : Manoj Acharya

ધાર્મિક કથા : ભાગ 249ગણપતિનું વાહન ઉંદર જ કેમ? 🐁🐀ભગવાન ગણેશજીની પ્રતિમાઓ પૂજા મંડપોમાં શોભાયમાન થઈ રહી છે. ગણેશજીની સાથે તેમના વાહનની પણ પૂજા થઈ રહી છે. આનું કારણ છે કે ગણેશજીને કૈલાશ પર્વત પરથી ભક્તોનાં ઘર સુધી લાવનાર તેમનું વાહન મૂષક છે. ગણેશજીએ પોતાના વાહન મૂષકની શા માટે પસંદગી કરી? ગણેશપુરાણમાં આપેલી કથાનુસાર દ્વાપર … Read more

दमण पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रछात्राओ को साइबर अपराध से बचाव के लिए दिया गया प्रशिक्षण

दमण पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रछात्राओ को साइबर अपराध से बचाव के लिए दिया गया प्रशिक्षण

माननीय प्रसाशक महोदय श्री प्रफुल पटेल के कुशलमार्गदर्शन और नेतृत्व में दमण पुलिस प्रशासन द्वारासाइबर जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रछात्राओ को साइबर अपराध से बचाव के लिए दियागया प्रशिक्षणदमण पुलिस प्रशासन द्वारा दादर नगर हवेली और दमन दीव के माननीयप्रसाशक महोदय श्री प्रफुल पटेल के कुशल मार्गदर्शन और नेतृत्व में समय समयपर लोगो मे जागरूकता … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (005) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (005) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (005) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) रास की भूमिका एवं रास का संकल्प -भगवानपि०-1 श्रीशुक उवाच भगवानपि ता रात्री शरुदोत्फूल्लमल्लिका ।वीक्ष्य रन्तुं मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रित: ।।[1] भगवान क रूपमाधुरी, वेणुमाधुरी, लीलामाधुरी, और प्रियामाधुरी- ये जो चार प्रकार की माधुरी हैं, वे श्रीकृष्ण में विशेष हैं। उनका रूपसौन्दर्य कैसा है कि ‘यद् दर्शने … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 9 – “नगर का “अद्भुत” कारीगर”)- Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 9 – “नगर का “अद्भुत” कारीगर”)- Niru Ashra

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 9 – “नगर का “अद्भुत” कारीगर”) यत्र राजनगरोपकरणप्रसाधनसाधनं शिल्पीप्रवरोद्भुतो नाम राज्ञा सत्कृत्य निजानुकूला पूर्व नगर निर्माणाया दिष्टस्तथैव तदनुकरोति स्म ।। अर्थ – अब प्रेम नगर में “अद्भुत” नामके कारीगर को बड़े ही सत्कार पूर्वक रखा गया । वो कारीगर राजा और नगर के निवासियों … Read more