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November 21, 2024 9:43 am

 Puri is counted among the four Dhams of Hindu religion : Anjali Nanda

 Puri is counted among the four Dhams of Hindu religion : Anjali Nanda

Jagannath ( Sanskrit : जगन्नाथ jagannātha Odia : जगन्नाथ ) is a form of Shri Krishna , the full incarnation of Hindu god Vishnu . A very big temple of his is situated in Puri city of Odisha state. The name of this city is derived from Jagannath Puri and became Puri. Rath Yatra festival is also organized here annually . Puri is counted among the four Dhams of Hindu religion .

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 144 !!(1),महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (119),: !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!&श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 144 !!(1),महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (119),: !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!&श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

Niru Ashra: 🌲🍁🌲🍁🌲🍁🌲 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 144 !! श्रीराधारानी द्वारा द्रोपदी को “प्रेमतत्व” की शिक्षाभाग 1 🌹🙏🌹🙏🌹 यज्ञ की पूर्णाहुति हो चुकी थी …….ब्राह्मणों को दान- दक्षिणा वसुदेव जी द्वारा दिया जा रहा था …………एक तरफ खड़े थे पाण्डव ……पर पाण्डवों की दृष्टि श्रीराधारानी पर ही थी ……….तभी ललिता सखी के कान में श्रीराधारानी नें कहा … Read more

” મેલબર્ન ઓસ્ટ્રેલિયા કથા યાત્રા એ જતા કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ ને પારનેરા પારડી ના ભક્તો એ વિદાય આપી “

” મેલબર્ન ઓસ્ટ્રેલિયા કથા યાત્રા એ જતા કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ ને પારનેરા પારડી ના ભક્તો એ વિદાય આપી “

” મેલબર્ન ઓસ્ટ્રેલિયા કથા યાત્રા એ જતા કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ ને પારનેરા પારડી ના ભક્તો એ વિદાય આપી “ મેલબર્ન ઓસ્ટ્રેલિયા ખાતે જીવન ની 862 મી કથા કરવા જય રહેલા વિશ્વ વિખ્યાત કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ અને રેખાબેન બેન શુક્લ ને આજે પારનેરા પારડી ના ભાવિક ભક્તો એ કથા યાત્રા માટે વિદાય આપી હતી. ભાવિક ભક્તો … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !!(3),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (118) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !!(3),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (118) & श्रीमद्भगवद्गीता :  Niru Ashra

Niru Ashra: 🌱☘️🌱☘️🌱☘️🌱 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !! कुरुक्षेत्र में प्रेमियों का महाकुम्भभाग 3 🌳🌳🌳🌳🌳 बलराम ……..”मुझे मैया यशोदा से मिलना है” । पर अकेले कैसे जाऊँ ? मेरी मैया मुझ से पूछेगी……तेरी बहू कहाँ है ? रेवती को साथ में लेकर ,मैया यशोदा के पास, बलराम पहुँच गए थे । दुःख होता है आजकल …………….द्वारिका … Read more

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर : Anjali Nanda

पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर : Anjali Nanda

यह मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के तटीय शहर पुरी में स्थित है पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर एक हिंदू मंदिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है।  यह भारतीय राज्य ओडिशा के तटीय शहर पुरी में स्थित है।  जगन्नाथ शब्द का अर्थ है विश्व का स्वामी।  इनकी नगरी को ही जगन्नाथपुरी या पुरी … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143!!(2),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!, महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (116) & (117),श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143!!(2),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!, महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (116) & (117),श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !! कुरुक्षेत्र में प्रेमियों का महाकुम्भभाग 2 🌳🌳🌳🌳🌳 मुझे आप क्षमा करें……..वसुदेव फिर नन्दराय के चरणों में गिरे । हे वसुदेव ! बुद्धिमान व्यक्ति बीती हुयी बातों का शोक नही करता । ज्ञानी उसे ही कहते हैं …………हे वसुदेव ! जो बीती बातों का शोक नही करता और आनें वाले समय को … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता,!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !!(1) & !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता,!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 143 !!(1) & !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! : Niru Ashra

Niru Ashra: श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 6 : ध्यानयोग🪻🪻🪻🪻🪻🪻श्लोक 6 . 40🪻🪻🪻🪻 श्रीभगवानुवाच🪻🪻🪻🪻पार्थ नैवेह नामुत्र विनाशस्तस्य विद्यते |न हि कल्याणकृत्कश्र्चिद्दुर्गतिं तात गच्छति || ४० || श्रीभगवान् उवाच – भगवान् ने कहा; पार्थ – हे पृथापुत्र; न एव – कभी ऐसा नहीं है; इह – इस संसार में; न – कभी नहीं; अमुत्र – अगले जन्म में; विनाशः … Read more

Law એન્ડ ઑર્ડરની સ્થિતિ બગડવાની કોશિશના મામલે Dipesh Tandel પર FIR દર્જ કરવાની માંગ : કેશવ બટાક

Law એન્ડ ઑર્ડરની સ્થિતિ બગડવાની કોશિશના મામલે Dipesh Tandel  પર FIR દર્જ કરવાની માંગ : કેશવ બટાક

.૨૬-૦૨-૨૦૨૪ દીપેશ ટંડેલ પર દમણના ધાર્મિક સૌહાર્દને બગડવાની કોશિશ પર દાખલ હો FIR : કેશવ બટાક

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !!(3),महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (115), श्रीमद्भगवद्गीता & !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !!(3),महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (115), श्रीमद्भगवद्गीता & !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! : Niru Ashra

Niru Ashra: 🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️ !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !! सूर्यग्रहण के दिन…..भाग 3 🌲🌲🌲🌲🌲 अगर तुमनें ऐसा नही किया ………तो मैं कह रही हूँ स्त्री हत्या का पाप हे कृष्ण ! तुम्हारे ऊपर लगेगा …………इतना कहकर चुप हो गयीं थीं ललिता सखी । मन्द मुस्कुराये कृष्ण ……ललिता की बातें सुनकर ……… वाह ! ललिता सखी ! वाह … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !!(2),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !!(2),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!  तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा

] Niru Ashra: 🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️ !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 142 !! सूर्यग्रहण के दिन….भाग 2 🌲🌲🌲🌲🌲 आइये ! रुक्मणी कान्त ! आओ ! सत्यभामा के प्राण प्रिये ! कैसे हो ? इतनी रानियों को सम्भालना पड़ता है ……….मेरे प्रिय ! थक जाते होगे ना ! वो उल्लास वो उमंग जो आपके मुखारविन्द में निरन्तर दिखाई देता था ………..पर … Read more