श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! जब कृष्णाकार हुईँ गोपियाँ – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra
श्रीकृष्णचरितामृतम् !! जब कृष्णाकार हुईँ गोपियाँ – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 1 “ब्रह्म का चिन्तन करनें वाला ब्रह्ममय हो जाता है” तात ! वेद यही कहते हैं । ऐसे ही यहाँ गोपियों की बड़ी अद्भुत और अपूर्व स्थिति हो गयी है । विरह वेदना नें गोपियों के अन्तःकरण को कृष्णाकार बना दिया । उद्धव बोले – … Read more