श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra
श्रीकृष्णचरितामृतम् !! हा सखे, दर्शय – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 1 ऐसी हैं श्रीराधारानी ……करुणा की खानि ! ओह ! मेरी गोपियाँ कहाँ हैं ? उनको कितनी पीड़ा हो रही होगी ….उनका हृदय जल रहा होगा प्रिय के वियोग में ! फिर मैं यहाँ कैसे अकेले सुख लूटूँ …………….. श्रीकिशोरी जी का हृदय गोपियों के लिये … Read more