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October 27, 2025 3:13 pm

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रूप और रीझ – “बनी वृषभानु नंदिनी आजु” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रूप और रीझ – “बनी वृषभानु नंदिनी आजु” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( रूप और रीझ – “बनी वृषभानु नंदिनी आजु” ) गतांक से आगे – निकुँज लीला रूप और रीझ की लीला है । ये बात साधकों को समझ में आगयी होगी । यहाँ रूप की पूर्ति ही रीझ में होती है । सब सखियाँ युगल का रूप … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 67 !!-गच्छोद्धव व्रजं …भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 67 !!-गच्छोद्धव व्रजं …भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 67 !! गच्छोद्धव व्रजं …भाग 1 मेरे प्रिय सखे ! जब स्व भान हुआ तब उठकर उद्धव के हाथों को विव्हल हो …..मींचते हुए बोले थे कृष्ण । उद्धव ! मेरे भक्त मथुरा में नही है मैं ऐसा नही कह रहा …….मुझे चाहनें वाले यहाँ भी हैं ……….पर वृन्दावन की बात ही अलग … Read more

संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण एवंदीव महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधकी जांच और रोकथाम में देश में शीर्ष

संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण एवंदीव महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधकी जांच और रोकथाम में देश में शीर्ष

Daman. संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण एवंदीव महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधकी जांच और रोकथाम में देश में शीर्षदमण, 12 जुलाई 2023 देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रमोदी जी के कुशल नेतृत्व एवं संघ प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमण एवं दीव के माननीय प्रशासक श्री प्रफुल पटेल जी के … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( पूर्णपुरुषोत्तम बना ‘श्याम सजनी’ – ‘वन की लीला लालहिं भावै’) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( पूर्णपुरुषोत्तम बना ‘श्याम सजनी’ – ‘वन की लीला लालहिं भावै’) : Niru  Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( पूर्णपुरुषोत्तम बना ‘श्याम सजनी’ – ‘वन की लीला लालहिं भावै’) गतांक से आगे – प्रेम में ही सब कुछ सम्भव है । प्रेम जो कराये कम है । ये प्रेम है – जो प्रिया को प्रीतम बना दे और प्रीतम को प्रिया । प्रेम के वश … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…*भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…*भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !! ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…*भाग 3 देखते रहे कृष्ण उद्धव की आँखों में……फिर वहाँ से जानें लगे ….. उद्धव नें चरण पकड़ लिये ……..नाथ ! ऐसे मुँह मत मोड़िये ! बता दीजिये………रुके कृष्ण …..मुड़े उद्धव की ओर …………. और अपनें हृदय से लगा लिया उद्धव को……हिलकियों से रो पड़े … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( सुरत केलि दर्शन – “विपिन घन कुंज रति” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( सुरत केलि दर्शन – “विपिन घन कुंज रति” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( सुरत केलि दर्शन – “विपिन घन कुंज रति” ) गतांक से आगे – श्रीराधा नित्य नवनवायमान अंग प्रत्यंग दिव्यानन्द रस की सार सर्वस्व हैं । श्रीराधा को सामान्य समझने का अपराध न कर बैठना , ये वो हैं – जिनके अमृत स्पर्श से मदन मूर्च्छित नन्दनन्दन … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !! ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 2 नाथ ! मैं कुछ दिनों से देख रहा हूँ ……..आप अकेले रहना पसन्द करते हैं…….और अकेले में यमुना को ही देखते रहते हैं………फिर आपके नेत्रों से अश्रु बरस पड़ते हैं……मुझे बता दीजिये कि क्या कमी है मथुरा में …….जो आप इस तरह से … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( प्रीति प्रतिमा की झाँकी – “आवत श्रीवृषभानु दुलारी” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( प्रीति प्रतिमा की झाँकी – “आवत श्रीवृषभानु दुलारी” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( प्रीति प्रतिमा की झाँकी – “आवत श्रीवृषभानु दुलारी” ) गतांक से आगे – श्रीराधा रूप की राशि हैं , सौन्दर्य की अधिष्ठात्री हैं । इनका रूप प्रतिक्षण वर्धमान रहता है और नित नूतन है …नित नूतन होने वाला रूप ही रमणीय होता है । निकुँज में … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 1:Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !!-ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 1:Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 66 !! ऊधो ! मोहि बृज की याद सतावे…भाग 1 गोविन्द ! गोविन्द ! द्वार खोलिए ! मैं हूँ ……..मैं उद्धव ! उद्धव महल के बाहर खड़े हैं और द्वार खटखटा रहे हैं । कुछ देर में द्वार खुला । क्या हुआ ? आपनें द्वार क्यों बन्द किया था ? भगवन् ! माता … Read more