!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( गूढ़ प्रेम – “अति नागरि वृषभानु किशोरी” ) : Niru Ashra
!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( गूढ़ प्रेम – “अति नागरि वृषभानु किशोरी” ) गतांक से आगे – धन्य हो प्रेम देव ! आप धन्य हो ! सचमुच आपका मार्ग कौन रोक सकता है । क्या मर्यादा ! क्या वेद ! क्या शास्त्र ! क्या आर्यजन ! कौन रोक पायें हैं आपका … Read more