!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( सखीत्व ही साध्य है – “हौं बलि जाऊँ नागरी श्याम”) : Niru Ashra
!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( सखीत्व ही साध्य है – “हौं बलि जाऊँ नागरी श्याम”) गतांक से आगे – रसोपासक को युगल सेवा में ही सुख मिलता है …सेवा से कुछ पाना इनका लक्ष्य नही है …अपितु सेवा से सेव्य को सुख पहुँचाना ही इनका लक्ष्य है । अपना सुख है … Read more