“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः सुश्री अंजली जगन्नाथ बहन
“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः यह संस्कृत श्लोक महिलाओं के सम्मान और उनके प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। इसका अर्थ है कि जहाँ महिलाओं की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं और जहाँ उनका सम्मान नहीं होता, वहाँ सभी प्रयास निष्फल होते हैं। यह श्लोक समाज में महिलाओं … Read more