श्रीकृष्णकर्णामृत – 35,🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(44-3),श्रीमद्भगवद्गीता & श्री भीष्म पितामह 23- : निरू आशरा
Niru Ashra: श्रीकृष्णकर्णामृत – 35 उर आवत हैं कोई भागिन के….. पर्याचितामृत-रसानि पदार्थ-भङ्गी- वल्गूनि वल्गित-विशाल-विलोचनानि बाल्याधिकानि मद-वल्लवभाविनीभि- र्भावे लुठन्ति सुकृतां तव जल्पितानि । ३३ । हे साधकों ! रस राज्य में बिल्वमंगल के साथ अनेकानेक दिव्यातिदिव्य लीलाएं घटित हो रही हैं ….उसी क्रम में कुँज के द्वार पर बैठे बिल्वमंगल एक लीला का दर्शन करते … Read more