श्रीकृष्णकर्णामृत – 69 : Niru Ashra
श्रीकृष्णकर्णामृत – 69 वो आदि पुरुषोत्तम… आर्द्रावलोकित-धुरा परिणद्ध-नेत्र – माविष्कृत-स्मित-सुधा-मधुराधरोष्ठम् । आद्य पुमांसमवतंसित-बर्हि – बर्ह- मालोकयन्ति कृतिनः कृत-पुण्य-पुञ्जाः ।।६७।। हे साधकों ! इस रस राज्य में अपने प्राणप्रिय को खोजते हुए बिल्वमंगल आज अत्यधिक दैन्यता से भर जाते हैं । वह कहते हैं – मैं कहाँ उसके दर्शन करने योग्य हूँ । कहाँ वो आदि … Read more