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October 15, 2025 2:38 am

यदि कोई व्यक्ति भगवान के कार्य में सहयोग नहीं करता है और भक्त जनो की आस्था का मजाक उड़ाना चाहता है तो वह भक्त नहीं हो सकता : SJMSS अध्यक्क्षा अंजली नंदा

इस प्रश्न का उत्तर विभिन्न दृष्टिकोणों से दिया जा सकता है। धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से, माफी एक महत्वपूर्ण गुण है। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अपने और दूसरों के विश्वास का सम्मान करें। अंततः, माफी देने का निर्णय व्यक्तिगत है और इसे विभिन्न कारकों पर विचार करके किया जाना चाहिए।

श्री सीताराम शरणम् मम 149 भाग 2″ श्रीकृष्णसखा’ मधुमंगल’ की आत्मकथा – 122″,(साधकों के लिए) भाग- 47 तथा अध्यात्म पथप्रदर्शक: Niru Ashra

[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग 1️⃣4️⃣9️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 2 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! आर्य श्रीराघवेंद्र वन में ……उनके साथ भैया लक्ष्मण भी वन में ……और भरत भैया नन्दीग्राम में ………..रह गए मेरे प्राणनाथ ! वो भीतर ही भीतर घुटते थे……….वो अकेले में … Read more

हमारी आत्मा में एक खालीपन और उदासी का अहसास होता है। ऐसे में, प्रभु की यादें आंखों में आंसू लेकर आती हैं। ये आंसू केवल दुख का संकेत नहीं है ! : अंजली नंदा

इंसान की संवेदनाएँ और भावनाएँ बहुत जटिल होती हैं। जब किसी प्रिय व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो उसकी यादों से उस व्यक्ति के साथ बिताए गए समय, अनुभवों और सुख-दुख की बातें जगी होती हैं। इन यादों में अक्सर खुशी, प्रेम, दर्द और सहयोग जैसे विभिन्न भावनाएं शामिल होती हैं। जब हम किसी प्रिय … Read more