🌷भ्रमर गीत🌷 : Kusuma Giridhar
भ्रमर गीत🌷🙏🌷 भ्रमर गीतमधुप कितवबन्धो मा स्पृशङ्घ्रिं सपत्न्याःकुचविलुलितमाला कुङ्कुमश्मश्रुभिर्नः ।वहतु मधुपतिस्तन् मानिनीनां प्रसादंयदुसदसि विडम्ब्यं यस्य दूतस्त्वमीदृक् ॥ १२ ॥गोपी ने कहा—रे मधुप! तू कपटी का सखा है; इसलिये तू भी कपटी है। तू हमारे पैरों को मत छू। झूठे प्रणाम करके हमसे अनुनय-विनय मत कर। हम देख रही हैं कि श्रीकृष्ण की जो वनमाला हमारी … Read more