🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-३८🦚-🌹 भ्रमर -गीत🌹: Niru Ashra
🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-३८🦚 🌹 भ्रमर -गीत🌹 🪷 गोपीजनों की प्रण-प्रतिज्ञा-सौगंध🪷 🌹 उद्धवजी, गोपीजन, भ्रमर में बातें हो रही हैं। उसी समय गोपीजनों ने अपने चित्र की विरह-वियोग, पश्चाताप से ग्रसित अपनी-अपनी बातें प्रण, कसम, सौगंध-प्रतिज्ञा रूप में निम्नासुर अपने-अपने भाव-भावना से प्रस्तुत की है। सखियाँ कह रही : (चित्र-९) 🙏 १. अरे … Read more