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August 2, 2025 8:09 am

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्ण भावना भावित कर्म: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्ण भावना भावित कर्म: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्णभावनाभावित कर्म श्लोक 5 . 3 ज्ञेयः स नित्यसन्न्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति |निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते || ३ || ज्ञेयः – जानना चाहिए; सः – वह; नित्य – सदैव; संन्यासी – संन्यासी; यः – जो; न – कभी नहीं; द्वेष्टि – घृणा करता है; न – … Read more

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! जीवन जोरी सखिन की !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! जीवन जोरी सखिन की !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! जीवन जोरी सखिन की !! गतांक से आगे – मैं फिर आपको स्मरण कराऊँ कि ….सखियाँ तत्सुख अभिलाषा से पूर्ण हैं …यानि प्रिय को सुख मिले …बस यही कामना है इनके मन में । स्वसुख वांछा शून्य हैं …..”अपना सुख” इनका … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !!-अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” के भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !!-अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” के भाग 1 : Niru Ashra

🙏🌹🙏🌹🙏 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !! अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” केभाग 1 🌲🍁🌲🍁🌲 पूर्व बताया जा चुका है कि …..गोलोक, कुञ्ज, निकुञ्ज, नित्य निकुञ्ज और निभृत निकुञ्ज…….इनमें क्या भेद हैं……और साधक कैसे यहाँ तक पहुँचता है…….इसकी भी पूर्व में चर्चा हो चुकी है कि……साधना से तो “कुञ्ज” तक ही पहुँचा जा सकता है …….वैसे … Read more