!! “श्रीराधाचरितामृतम्” !! 130+!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!+ महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (084)+श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
🙏🙏🙏🙏🙏l !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 130 !! “तत् सुखे सुखित्वम्” – प्रेम की अद्भुत कहानीभाग 1 🦜🦜🦜🦜🦜 सुबह की वेला हुई ………स्नानादि से तो कब के निवृत्त हो गए थे द्वारिकाधीश…….बैठे थे ध्यान की मुद्रा में…….. किसका ध्यान ? वज्रनाभ नें आज प्रश्न किया । महर्षि शाण्डिल्य सहज भाव से बोले …..अपनी “आल्हादिनी” का । ध्यान बंटा … Read more