🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(36-2),श्रीकृष्णकर्णामृत – 10 & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: श्रीकृष्णकर्णामृत – 10 “वाणी में जब भगवान उतरे…” मद-शिखण्डि-शिखण्ड-विभूषणं, मदन-मन्थर-मुग्धमुखाम्बुजम् ।ब्रज-वधू-नयनाञ्जन-रञ्जितं विजयतां मम वाङ्मय-जीवितम् ।।८ हे साधकों ! “श्रीकृष्णकर्णामृत” का हम लोग आस्वादन कर रहे हैं …कवि बिल्वमंगल ने कल के सातवें श्लोक में प्रार्थना की थी कि …हे श्याम सुन्दर! आप मेरी वाणी में उतरें ….आप वांगमय अवतार लेकर पधारें …प्रार्थना हो … Read more