🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(94–3),मिथिला के भक्त – 39,श्री भक्तमाल (078) તથા श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु
[] : 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..9️⃣4️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 पर स्त्री चोरी ? वो भी विश्व विजयी रावण के द्वारा ! मारीच ! ये रावण महाज्ञानी है …..तुझसे उपदेश सुननें की आवश्यकता नही है उसे । मारीच ! ये रावण अब तुझ से दो टूक कह रहा है … Read more